राफेल डील मामले में अहम फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को क्लीन चिट दिए जाने के निर्णय पर पुनर्विचार की मांग वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है.
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्सीय पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि, पुनर्विचार याचिकाएं सुनवायी योग्य नहीं हैं.’
पीठ में जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ भी शामिल थे.
दो पूर्व केंद्रीय मंत्रियों यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी तथा वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण समेत अन्य लोगों ने ये याचिकाएं लगाई थी.
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से केंद्र सरकार को बड़ी राहत मिली है. पिछले साल 14 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने नरेंद्र मोदी सरकार को क्लीन चिट देते राफेल सौदे में किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं होने की बात कहते हुए फैसला सुनाया था.
कोर्ट ने फैसले में कहा था कि 36 राफेल लड़ाकू विमानों को खरीदने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी थी और उस पर संदेह करने की कोई बात नहीं है.
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना के मामले को भी बंद कर दिया.
कोर्ट ने राहुल गांधी को भविष्य में सावधानी बरतने की सलाह दी. राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना का यह मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ उनकी टिप्पणी ‘चौकीदार चोर है’ को गलत तरीके से सुप्रीम कोर्ट के हवाले से कहे जाने से संबंधित था.
राहुल गांधी के खिलाफ यह अवमानना याचिका भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने दायर की थी.
भारतीय जनता पार्टी ने राफेल मामले में सभी पुनर्विचार याचिकाएं खारिज किए जाने के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए इसे सत्य की जीत बताया है.
भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट किया, ‘राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने सड़क से लेकर सदन तक राफेल मामले को देकर देश को गुमराह करने की कोशिश की मगर अंत में सत्य की जीत हुई. मैं उम्मीद करता हूं कि राहुल गांधी देश में होंगे और माफी मांगेगे.’
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