भले ही पीएम मोदी ने विवादित कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान कर दिया हो, लेकिन आंदोलनरत किसान अभी भी पीछे हटने को तैयार नहीं है. अब वे एमएसपी पर कानून बनाने की मांग पर अड़े हैं.
जिसपर किसानों को विपक्षी दलों का भी खूब समर्थन मिल रहा है, इधर सीपीएम से जुड़े उत्तराखंड में किसान सभा और सीटू (CITU) भी किसानों के समर्थन में सड़क पर उतर आयी.
सीटू कार्यकर्ताओं ने एमएसपी कानून को लेकर आज देहरादून में सचिवालय कूच किया. और केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
हालांकि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सुभाष रोड पर ही बैरिगेटिंग लगाकर पहले ही रोक लिया. इस पर प्रदर्शनकारी सड़क पर ही धरने पर बैठ गए.
इस दौरान सीटू के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह नेगी ने कृषि कानूनों के साथ ही 2020 में लॉकडाउन में लाए गए श्रम संशोधन कानून को भी वापस लेने की मांग की.
नेगी ने आंदोलन के दौरान मरने वाले 700 किसानों के परिवारों को मुआवज़े और उनके पुनर्वास का इंतजाम करने की मांग की.
इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने निजीकरण पर रोक लगाने के साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र रेल, बैंक, बीमा, रक्षा आदि की बिक्री बंद की जाए.
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