अयोध्या में राम जन्मभूमि ट्रस्ट पर राम मंदिर निर्माण के लिए जमीन खरीदने में भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता रवींद्र जुगरान ने सवाल उठाए हैं.
देहरादून स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में जुगरान ने भारतीय जनता पार्टी पर जम कर निशाना साधा.
जुगरान ने कहा कि बीजेपी सरकार में राम मंदिर के नाम पर इतना बड़ा घोटाला करोड़ों लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ है.
उन्होंने कहा उत्तरप्रदेश में राम के नाम पर बने ट्रस्ट में हुए घोटाले ने न केवल देश बल्कि विदेशों में भारत की साख को नुकसान पहुंचाया है.
जुगरान ने कहा कि राम मंदिर के ट्रस्ट में करोड़ों के घोटाले के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों बराबर की जिम्मेदार हैं .
उन्होंने बीजेपी पर सीधे तौर पर आरोप लगाते हुए कहा,बीजेपी का चरित्र राम राम जपना,पराया माल अपना वाला है जो इस घोटाले में सामने आ गया है.
उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने दो करोड़ की जमीन को चंद मिनटों बाद 18.5 करोड़ में खरीदकर बड़ा घोटाला किया है. दरअसल ये जमीन कुछ समय पहले सिर्फ दो करोड़ रुपये में बिकी थी और चंद मिटनों बाद इसी जमीन को 18.5 करोड़ रुपये में खरीद कर बड़ा घपला किया है जिसका खुलासा राज्यसभा सांसद और आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह द्वारा किया गया.
दरअसल रामजन्मभूमि की जमीन से लगी एक जमीन पुजारी हरीश पाठक और उनकी पत्नी ने 18 मार्च की शाम सुल्तान अंसारी और रवि मोहन को दो करोड़ में बेची थी.
वही जमीन सिर्फ चंद मिनट बाद चंपत राय ने राम जन्मभूमि ट्रस्ट की तरफ से 18.5 करोड़ रुपये में खरीद ली.
चंद मिनटों में इतना बड़ा घोटाला वो भी राममंदिर ट्रस्ट द्वारा,बीजेपी सरकार और राममंदिर ट्रस्ट की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करती है.
रविंद्र जुगरान ने कहा एक सुनियोजित साजिश के तहत इस घोटाले को अंजाम दिया गया क्योंकि, 5 मिनट में जमीन कैसे, 16.5 करोड़ रुपये महंगी हो गई, जो अपने आप में विश्व रिकॉर्ड है.
रविंद्र जुगरान ने कहा कि-रविमोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी से 18.5 करोड़ में खरीदी गई दो करोड़ की जमीन के रेट लगभग 5.5 लाख रुपये प्रति सेकेंड की रफ्तार से बढ़ गया.
जुगरान ने कहा कि इस खरीद में ट्रस्ट पर घोटाले का आरोप इसलिए भी है कि जो जमीन रविमोहन और एक मुस्लिम शख्स सुल्तान अंसारी ने खरीदी, उसकी रजिस्ट्री में ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा और संघ से ताल्लुक रखने वाले अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह हैं.
यही दोनों लोग चंद मिनट बाद 16.5 करोड़ रुपये महंगी खरीदी गई रामजन्मभूमि ट्रस्ट की डील में भी गवाह हैं. इसका मतलब है कि जब बैनामा हुआ तब ट्रस्टी गवाह थे, जब रजिस्टर्ड एग्रीमेंट हुआ, तब ट्रस्टी गवाह थे. इसका मतलब है कि ट्रस्ट भ्रष्टाचार में लिप्त है.
जुगरान ने कहा कि 2 करोड़ रुपये में बेची गई जमीन को चंद मिनटों में राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने 18.5 करोड़ में खरीद कर सारा उसी समय आरटीजीएस से 17 करोड़ ट्रांसफर भी किए जो कि भ्रष्टाचार के साथ साथ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी बनता है जिसका जवाब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देना चाहिए.
रविंद्र जुगरान ने कहा,बीजेपी राम के नाम पर राजनीति करती आई और राम के नाम पर कई राज्यों में चुनाव लड़ती आई है, उत्तर प्रदेश में राम मंदिर के नाम पर ही बीजेपी ने सरकार बनाई लेकिन आज उसी राम मंदिर के नाम पर बीजेपी के राज में करोड़ों का घोटाला सामने आया है.
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