धामी सरकार के इस कैबिनेट मंत्री की कुर्सी पर गहराया संकट..
उत्तराखंड: विधानसभा की बैकडोर भर्तियां रद होने के बाद कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की कुर्सी पर भी संकट गहरा गया है। जनता को संदेश देने के लिए भाजपा का शीर्ष नेतृत्व संभावित रूप से एक महत्वपूर्ण कदम उठा सकता है। स्पीकर रहते प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल में विधानसभा में बैकडोर से 100 भर्तियां हुई थी, जिनमें से 72 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हुए। इनमें भाजपा नेताओं, संघ के पदाधिकारियों के साथ करीबियों को ये नौकरियां बांटने का आरोप है। राज्य में ही नहीं देश में भी इसकी गूंज सुनाई दी है। इस मामले में सबसे ज्यादा तूल तब पकड़ा, जब कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद का बयान सामने आया। वे बार-बार इन भर्तियों को नियम संगत, अपना विशेषाधिकार और पूर्व में हुई भर्तियों से जोड़कर तर्क देते नहीं थक रहे थे।
इससे भाजपा संगठन भी असहज स्थिति में आ गया था। अब मौजूदा स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने एक सिरे से इन्हें और तत्कालीन स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल के कार्यकाल में हुई बैकडोर भर्तियों को रद कर दिया है। स्पीकर के इस फैसले से जहां भाजपा संगठन को जहां कुछ हद तक राहत मिली, वहीं कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। बलबीर रोड स्थित भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में चर्चा है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता इन भर्तियों को लेकर खासे नाराज हैं और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ ही स्पीकर खंडूड़ी को भी अपने रुख से संकेत दे चुके थे। दरअसल, हाईकमान भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और परिवार वाद पर चोट कर रहा है। वहीं, भाजपा की सरकार के रहते विधानसभा में बैकडोर से चहेतों को भर्तियां बांट दी गईं।
मुख्यमंत्री धामी और भाजपा संगठन को डैमेज कंट्रोल पर उतरना पड़ा। कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद इन दिनों जर्मनी के सरकारी टूर पर हैं। 25 सितंबर को उनकी वतन वापसी है। सूत्रों ने कहा कि पार्टी अगले कुछ दिनों के भीतर कोई बड़ा एक्शन भी ले सकती है। शुक्रवार को भी भाजपा प्रदेश मुख्यालय में भी लेकर कई तरह की चर्चाएं रहीं।
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