दुनिया का सबसे ताकतवर माना जाने वाला, बहुप्रतीक्षित लड़ाकू विमान ‘राफेल’ भारत पहुंच गया है. लगभग 7000 किलोमीटर का सफर पूरा करते हुए आज दोपहर करीब सवा तीन बजे, पांच राफेल विमानों ने अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर लैंडिंग की.
भारतीय वायुसेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने राफेल विमानों की रिसीविंग की. राफेल जेट, बीते 23 वर्षों में भारतीय वायु सेना के युद्धक बेड़े में शामिल होने वाली पहली विदेशी खेप है.
चीन के साथ लद्दाख सीमा पर चल रहे तनाव के बीच रफेल का भारतीय सैन्य बेड़े में शामिल होना बेहद अहम माना जा रहा है. 4.5 जेनरेशन वाल राफेल विमान की गिनती दुनिया के सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों में होती है.
राफेल दक्षिण एशिया में अब तक का सबसे शक्तिशाली विमान है, जो पाकिस्तान के एफ-16 और चीन के जेएफ-20 से भी ज्यादा मारक है. इसकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि ये एक ही उड़ान में कई अभियानों को अंजाम दे सकता है.
अफगानिस्तान, लीबिया, इराक और सीरिया में हुए संघर्ष में राफेल की युद्धक क्षमता पूरी दुनिया देख चुकी है अचूक मारक क्षमता के लिए जाना जाने वाला रफेल विमान हवा से हवा में और हवा से जमीन पर निशाना लगाने में सक्षम है.
राफेल विमान में स्काल्प, मीटियॉर और हैमर मिसाइलें लगी हैं जो क्रमश 600, 150 और 70 किलोमीटर तक मार कर सकती हैं.
3700 किलोमिटर प्रतिघंटा की क्षमता के साथ, खाली राफेल का वजन 10-टन है। इस लड़ाकू विमान में 14 हार्ड प्वाइंट हैं, जिनमें से पांच टैंक और भारी आयुध ले जाने में सक्षम हैं.
राफेल विमान अपने वजन के बराबर भार उठाने में सक्षम है। यह अधिकतम 24.5 टन भार के साथ उड़ान भर सकता है.
गौरतलब है कि भारत ने फ्रांस के साथ 36 राफेल विमानों का करार किया है. इस करार के तहत बाकी के 31 विमान वर्ष 2022 के पहले भारत पहुंच जाएंगे.
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