उत्तराखंड में उपनलकर्मी वेतन वृद्धि समेत तमाम दूसरी मांगों को लेकर प्रयासरत हैं,लेकिन ऐसा होना फिलहाल दूर की कौड़ी ही नज़र आ रहा है.
दरअसल श्रम मंत्री हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में बनी उपसमिति की रिपोर्ट वित्त विभाग में अटक कर रह गयी.
वित्त विभाग का कहना है कि वेतन बढ़ाने से राजकोष पर 128 करोड़ रुपये सालाना वित्तीय बोझ पड़ेगा.वहीं अस्थाई सेवा वाले दूसरे कर्मचारी भी वेतन बढ़ाने की मांग कर सकते हैं.
वित्त विभाग की आपत्तियों के चलते शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में भी प्रस्ताव नहीं रखा गया.
जिसके बाद हरक सिंह रावत के साथ ही सैन्य कल्याण मंत्री गणेश जोशी भी नाराज़ नज़र आ रहे हैं.
हरक सिंह रावत का कहना है कि कैबनेट की उपसमिति में मुख्य सचिव,वित्त सचिव और न्याय सचिव भी शामिल हैं,और उनकी मौजूदगी में ही सिफारिशें तय हुई
लिहाज़ा सिफारिशें तय होने के वित्त विभाग की आपत्तियों पर हरक सिंह रावत ने नाराजगी जाहिर की.
बहरहाल माना जा रहा है कि दोबारा परीक्षण के बाद प्रस्ताव अगली कैबिनेट बैठक में पेश किया जा सकता है.
Discussion about this post