गंगोत्री उपचुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी ने बड़ा ऐलान किया है.
पार्टी ने कहा है कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत गंगोत्री से उपचुनाव लड़ने की हिम्मत दिखाएं तो कर्नल अजय कोठियाल उनका मुकाबला करने के लिए सियासी मैदान में उतरेंगे.
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नवीन पिरशाली ने आज देहरादून में यह जानकारी दी.
आदमी पार्टी के इस ऐलान से उत्तराखंड की सियासत गर्माना तय है.
कर्नल अजय कोठियाल आम आदमी पार्टी का बड़ा चेहरा हैं और उपचुनाव में उनको उतारने का ऐलान कर पार्टी ने जता दिया है कि वह भाजपा को किसी भी तरह का वाकओवर देने के मूड में नहीं है.
यदि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत गंगोत्री उपचुनाव में उतरते हैं तो यह अब तक का सबसे दिलचस्प चुनाव होगा.
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नवीन पिरशाली ने कहा कि भाजपा ने प्रचंड बहुमत मिलने के बाद भी प्रदेश को राजनीतिक अस्थिरता के दलदल में झोंकने का जो अपराध किया है, प्रदेश की जनता उसका जवाब देने के लिए तैयार बैठी है.
नवीन पिरशाली ने कहा कि विधानसभा चुनाव से सालभर पहले नेतृत्व परिवर्तन करने वाली भाजपा को 57 विधायकों में से एक भी ऐसा काबिल व्यक्ति नहीं मिला जिसे मुख्यमंत्री बनाया सा सकता था, ऐसे में पार्टी ने तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया जो अभी तक विधानसभा चुनाव लड़ने का साहस नहीं दिखा पाए हैं.
पिरशाली ने कहा कि गंगोत्री उपचुनाव में जनता भाजपा को सबक सिखाएगी और यह चुनाव प्रदेश की राजनीतिक तस्वीर बदलने वाला साबित होगा.
नवीन पिरशाली ने कहा कि 2017 विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड की जनता ने भाजपा को स्थाई और मजबूत सरकार के लिए प्रचंड बहुमत दिया था ताकि सरकार पूरे पांच साल तक बिना किसी अस्थिरता के काम कर सके और अपना पूरा ध्यान राज्य के विकास पर लगा सके.
लेकिन इतने भारी भरकम बहुमत के बाद भी चार साल में ही भाजपा के भीतर सत्ता को लेकर लड़ाई खुल कर सामने आ गई जिसकी कीमत इस प्रदेश की आम जनता को चुकानी पड़ी.
उन्होंने कहा कि 2017 विधानसभा चुनाव में मिली प्रचंड जीत के बाद भी भाजपा हाईकमान ने इस राज्य की जनता पर दो-दो ‘रबर स्टांप’ मुख्यमंत्री थोपने का काम किया जो जनभावना के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए तीरथ सिंह रावत का विधानसभा सदस्य होना जरूरी है.
संसदीय नियमों के मुताबिक उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के छह महीने के भीतर विधानसभा का सदस्य निर्वाचित होना अनिवार्य है और इस अवधि के बीतने में बहुत कम वक्त बचा है.
प्रदेश में हुए नेतृत्व परिवर्तन के बाद पौड़ी गढ़वाल से सांसद तीरथ सिंह रावत ने 10 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
नियमों के मुताबिक तीरथ सिंह रावत को पद पर बने रहने के लिए 10 सितंबर तक विधानसभा की सदस्यता ग्रहण करना अनिवार्य है.
उनका सौ से अधिक दिन का कार्यकाल पूरा हो चुका है लेकिन हालांकि, अभी यह तय नहीं है कि वे किस सीट से चुनाव लड़ेंगे.
ऐसे में भाजपा मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को गंगोत्री से चुनाव लड़ाने पर विचार कर रही है.
गंगोत्री से भाजपा विधायक गोपाल सिंह रावत का बीती 23 अप्रैल को निधन हो गया था जिसके बाद यह सीट रिक्त हो गई थी.
बहरहाल आम आदमी पार्टी ने गंगोत्री सीट से कर्नल कोठियाल को उतारने का ऐलान कर सूबे में जोरदार मुकाबले की संभावना पैदा कर दी है.
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