भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) की पासिंग आउट परेड में 333 जांबाज कैडेट भारतीय सेना का हिस्सा बन गए. अंतिम पग पार करते ही ये सभी जेंटलमैन कैडेट सैन्य अफसर बन गए. ये सभी जांबाज बतौर लेफ्टिनेंट भारतीय सेना में अफसर बन कर देश सेवा करेंगे.
333 भारतीय जाबांजों के साथ ही नौ मित्र देशों, अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, भूटान, मॉरीशस, मालद्वीव, फिजी, पपुआ न्यू गिनी, श्रीलंका व वियतनाम के 90 कैडेट भी आईएमए से पास आउट होकर अपने देश की सेना का की सेना में अफसर बने.
भारतीय थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने बतौर रिव्यूइंग ऑफिसर परेड की सलामी ली.
आज सुबह छह बजकर 42 मिनट पर कैडेट परेड स्थल पहुंचे और परेड शुरू हुई. रिव्यूइंग ऑफिसर, सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने परेड का निरीक्षण किया और सलामी ली.
कोरोना संकट के चलते इस बार आईएमए पासिंग आउट परेड बेहद सादगी से साथ हुई. यह पहली बार हुआ जब जेंटलमैन कैडेट्स के परिजन परेड के साक्षी नहीं बन सके. कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए सभी कैडेट्स ने मास्क पहन कर परेड पूरी की.
इस बार कैडेट आकाशदीप सिंह ढिल्लो को स्वार्ड आफ आनर, कैडेट शिवकुमार सिंह चौहान को स्वर्ण पदक, कैडेट सक्षण राणा को रजत पदक कैडेट सूरज सिंह को कांस्य पदक, तथा कैडेट भरत योगेंद्र को टीजी सिल्वर से सम्मानित किया गया। सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट का सम्मान वियतनाम के कैडेट डोनवान सोन को दिया गया.
इस अवसर पर मीडिया से बात करते हुए भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि भारत-चीन सीमा पर हालात पूरी तरह से नियंत्रण में हैं. जनरल नरवणे ने कहा कि चीन से साथ हमारी कमांडर स्तर की बातचीत चल रही है और हमें उम्मीद है कि बातचीत के जरिए दोनो देश मतभेदों को दूर करने में कामयाब होंगे.
नेपाल के साथ जारी विवाद पर जनरल नरवणे ने कहा कि नेपाल और भारत का रिश्ता बेहद मजबूत है. उन्होंने कहा, ‘नेपाल के साथ हमारा हमारा भौगोलिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक जुड़ाव रहा है. नेपाल और भारत के लोगों का भी एक दूसरे से गहरा जुड़ाव रहा है. उनके साथ हमारे रिश्ते हमेशा मजबूत रहे हैं और भविष्य में भी हमेशा मजबूत रहेंगे.’
जम्मू कश्मीर के हालातों पर जनरल नरवणे ने कहा कि घाटी में स्थितियां सुधर रही हैं. उन्होंने कहा कि सेना को वहां आतंकवादियों के खात्मे में कामयाबी मिल रही है.
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