उत्तराखंड की तीन शख्सियतों डाक्टर अनिल प्रकाश जोशी, कल्याण सिंह रावत और डाक्टर योगी एरन को प्रतिष्ठित पद्म सम्मान दिये जाने की घोषणा हुई है.
सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए डाक्टर अनिल प्रकाश जोशी को पद्म भूषण सम्मान से, जबकि मैती आंदोलन के प्रणेता कल्याण सिंह रावत और प्रसिद्ध प्लास्टिक सर्जन डाक्टर योगी एरन को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा.
भारत सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इस साल के लिए पद्म पुरस्कारों की घोषणा की. इस साल 141 लोगों के पद्म सम्मान के लिए चुना गया है. इनमें सात पद्म विभूषण, 16 पद्म भूषण और 118 पद्म श्री हैं.
इस बार 33 महिलाओं को पद्म पुरस्कार के लिए चुना गया है. साथ ही 18 लोग विदेशी, एनआरआई, पीआईओ और ओसीआई श्रेणी से चुने गए हैं. 12 लोगों का नाम मरणोपरांत पद्म सम्मान के लिए चुना गया है.
हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया जाता है. इसके कुछ समय बाद राष्ट्रपति भवन में सम्मान समारोह आयोजित किया जाता है.
उत्तराखंड से जिन तीन शख्सियतों को पद्म सम्मान के लिए चुना गया है वे लंबे समय से समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम कर रहे हैं.
अनिल प्रकाश जोशी : पद्म भूषण
हैस्को के संस्थापक पदमश्री डाक्टर अनिल प्रकाश जोशी पर्यावरण के क्षेत्र में वर्षों से काम कर रहे हैं. पर्यावरण और ग्राम्य विकास से जुड़े मुद्दों पर लगातार काम करते हुए उन्होंने उल्लेखनीय काम किए हैं.
पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें वर्ष 2006 में पद्मश्री सम्मान से नवाजा जा चुका है. पद्म सम्मान के अलावा उन्हें प्रतिष्ठित जमनालाल बजाज सम्मान से भी नवाजा जा चुका है. इसके अलावा उन्होंने कई अन्य प्रतिस्ठित सम्मान भी अर्जित किए हैं.
कल्याण सिंह रावत : पद्मश्री
उत्तराखंड के चमोली जिले के राजकीय इंटर कालेज ग्वाल्दम में जीव विज्ञान के प्रवक्ता रहते हुए वर्ष 1994 में कल्याण सिंह रावत ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक अनूठी पहल की जिसे उन्हेंने ‘मैती आंदोलन’ नाम दिया.
चिपको आंदोलन से प्रेरित कल्याण सिंह रावत ने लोगों से अपील की कि जब किसी बेटी की शादी हो तो वह विदाई से पहले अपने मायके में एक पौघा रोपे. इस पहल को लोगों ने हाथों हाथ लिया.
आज मैती आंदोलन उत्तराखंड से निलक कर पूरे भारत में पहुंच चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मैती आंदोलन की सराहना कर चुके हैं. कल्याण सिंह रावत चमोली जिले के नारायणबगड़ ब्लाक के बेनोली गांव के निवासी हैं.
डाक्टर योगी एरन : पद्मश्री
83 वर्षीय डाक्टर योगी एरन को गरीब एवं असहाय रोगियों की निशुल्क प्लास्टिक सर्जरी करने के चलते देशभर में जाना जाता है. डाक्टर योगी ने सन 1984 में एरन देहरादून –मसूरी रोड के पास स्थिक जंगल के बीच ‘जंगल मंगल’ नाम से एक अस्पताल स्थापित किया जहां वे तब से लगातार गरीब रोगियों का निशुल्क इलाज करते हैं.
डाक्टर योगी एरन सन 1973 में दून अस्पताल में चिकित्सक थे. पहाड़ से जंगली जानवरों के हमले में घायल गरीब मरीजों को देख कर उन्होंने उऩकी मदद करने का संकल्प लिया और अमेरिका जाकर प्लास्टिक सर्जरी की एडवांस स्टडी करने के बाद वापस देहरादून आ गए.
अब तक वे हजारों मरीजों का इलाज कर चुके हैं. अमेरिका से विषेशज्ञ डाक्टरों की टीम हर साल दो बार उनके अस्पताल आकर मरीजों का इलाज करती है.
Discussion about this post