वैसे तो राज्य आंदोलनकारियों का संघर्ष अनमोल है, लेकिन उत्तराखंडी स्वाभिमान के लिए लड़ने वालों को सम्मानस्वरुप पेंशन दी जाती है.
सीएम धामी की घोषणा के मुताबिक इस पेंशन में वृद्धि की गयी है. इस बाबत जारी हुए शासनादेश के मुताबिक आंदोलन के दौरान 7 दिन की जेल काटने वाले आंदोलनकारियों को अब 5000 की जगह 6000 रु. प्रतिमाह मिलेंगे.
जबकि जेल जाने वाले या घायल होने वालों के अलावा दूसरे चिह्नित आंदोलनकारियों को 3100 रुपये की जगह 4500 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे.
राज्य में प्रथम श्रेणी में चिह्नित आंदोलनकारियों की संख्या 300 के करीब है, जबकि दूसरी श्रेणी में करीब 600 आंदोलनकारियों को पेंशन मिलती है.
जीओ जारी होने पर राज्यआंदोलनकारियों ने खुशी जाहिर करने के साथ नाराजगी भी जाहिर की है. उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती का कहना है कि घोषणाएं पूरी न होने से आंदोलनकारियों में नाराजगी है.
कुकरेती के मुताबिक सीएम ने 31 दिसंबर तक चिह्निकरण की प्रकिया पूरी करने समेत दो और घोषणाएं की थीं, जिनका शासनादेश अभी तक जारी नहीं हो पाया है.
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