तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन को लंबा असरा हो गया.
किसानों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत के बावजूद कोई नतीजा तो निकला,अलबत्ता चुनावी मौसम में ये एक सियासी मुद्दा बनता जा रहा है.
शायद ये ही वजह है कि भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत चुनावी राज्यों में दौरा करके भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
बीते रोज़ राकेश टिकैत उत्तराखंड के खटीमा पहुंचे,जहां उन्होंने मझोला गांव में भा.कि.यू के कार्यालय का उद्घाटन किया.
मझोला पैलेस में उन्होंने किसान सभा को संबोधित किया,इस दौरान उन्होंने केन्द्र सरकार पर जमकर निशाना साधा.
टिकैत ने कहा कि सरकार को झूठ बोलने में गोल्ड मेडलिस्ट है,
सरकार ने किसान विरोधी तीन काले कानून लाने के साथ ही पचपेड़ा, गौशाला की दो हजार एकड़ जमीन फैक्टरी लगाने के नाम पर पूंजीपतियों को दे दी.
उन्होंने स्थानीय किसान आंदोलन में भाग लेने के लिए युवाओं का आह्वान किया.
इस दौरान उन्होंने बंद पड़ी मझोला चीनी मिल को चालू करवाने का भरोसा भी दिलाया, उन्होंने कहा कि मिल के चालू होने से किसानों को तो लाभ होगा ही साथ ही बेरोजगारों को भी रोजगार मिलेगा.
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