उत्तराखंड में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति विस्फोटक होती जा रही है. 24 घंटे की अवधि में राज्य में कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा 946 नए मामले सामने आए हैं. प्रदेश में संक्रमित मामलों की संख्या 22180 हो गई है.
स्वास्थ्य विभाग के हैल्थ बुलेटिन के मुताबिक 3 सितंबर तक प्रदेश में 300 लोगों की कोरोना से मौत हुई है. बुलेटिन के मुताबिक अब तक 14945 लोग पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं और 6871 का इलाज चल रहा है.
जिलावार बात करें तो 24 घंटे की अवधि में देहरादून जिले में सबसे ज्यादा 272 मामले सामने आए. उधमसिंह नगर में 194, हरिद्वार में 135 और नैनीताल में 105, उत्तरकाशी में 50, अल्मोड़ा में 48 मामले सामने आए.
टिहरी में 37, पौड़ी में 31, पिथौरागढ़ में 28,रुद्रप्रयाग में 24, चंपावत में 20, चमोली और बागेश्वर में एक-एक कोरोना मरीज मिला है. प्रदेशभर में अभी 14447 सेंपल की रिपोर्ट आनी बाकी है.
24 घंटे की अवधि में प्रदेश में 508 लोग स्वस्थ हुए हैं. इस अवधि में प्रदेश में नौ संक्रमितों की मौत हुई, जिनमें एम्स ऋषिकेश में 5, सुशीला तिवारी मेडिकल कालेज हल्द्वानी में 3 और बेस अस्पताल कोटद्वार में 1 संक्रमित की मौत हुई.
प्रदेश में अब तक कुल 424156 सेंपल की जांच हुई है जिनमें से 378265 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. 14447 सेंपल की रिपोर्ट आनी बाकी है तथा 9264 सेंपल रद्द किए गए हैं. प्रदेश में कोरोना का डबलिंग रेट 21.85 दिन है.
प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों को कोरोना के इलाज की अनुमति देने के साथ ही इलाज की दरें तय कर दी हैं.
सरकार ने नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर हास्पिटल (एनएबीएच) से मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता वाले निजी अस्पतालों के लिए 8 हजार से 18 हजार रुपये तक की दरें तय की हैं.
एनएबीएच से मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में आईसोलेशन बेड का प्रतिदिन का शुल्क 10 हजार रुपये, बिना वेटीलेंटर के आईसीयू बेड का 15 हजार रुपये तथा वेंटिलेटर के साथ आईसीयू का शुल्क 18 हजार रुपये तय किया गया है.
इस शुल्क में पीपीई किट का खर्च भी शामिल है. इसके अलावा जिन अस्पतालों की एनएबीएच से मान्यता नहीं है, उनमें आईसोलेशन बेड का 8 हजार, आईसीयू बेड का 13 हजार और वेंटिलेटर के साथ आईसीयू का शुल्क 15000 रुपये तय किया गया है.
इन दरों में डाक्टरों की फीस, संक्रमित व्यक्ति के भोजन की व्यवस्था, नर्सिंग स्टाफ द्वारा उचित देखभाल और सैंपल जांच आदि भी शामिल है. निजी अस्पतालों को संक्रमितों के इलाज के दौरान केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइन का पूरा पालन करना होगा.
यह भी पढ़ें : कोरोना वायरस : अनलॉक-4 के लिए गाइडलाइंस जारी
Discussion about this post