उत्तराखंड कोरोना अपडेटः कोरोना से 8 की मौत, 301 नए संक्रमित
उत्तराखंड में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 301 नए मामले सामने आए है. वहीं बीते 24 घंटे में कोरोना की वजह से 8 लोगों की मौत हो गई है.
मृतकों में दून मेडिकल कॉलेज में 2, एम्स ऋषिकेश में 1, हिमालयन हॉस्पिटल में 1, श्री महंत इन्दिरेश हॉस्पिटल में 1, जिला अस्पताल पिथौरागढ़ में 2, सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में एक मरीज ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है.
कुल संक्रमितों की संख्या 92 हजार के पार हो चुकी है. वहीं, सक्रिय मरीजों की संख्या 4 हजार से कम हो गई है.प्रदेश में अब तक 1535 मरीजों की मौत हो चुकी है. कुल मिला कर 85400 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं.
नौकरियों को लेकर हरीश रावत ने सरकार पर फिर साधा निशाना
उत्तराखंड सरकार द्वार प्रदेश में 7 लाख लोगों को रोजगार देने का दावा करने वाले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने निशाना साधा है.
हरीश रावत के मुताबिक BJP अब तक केवल 3100 पदों पर नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू कर पाई है. जबकि कांग्रेस सरकार ने 32 हजार लोगों केा स्थायी और अस्थायी रोजगार दिया था. रावत ने चुनौती दी है कि यदि BJP के प्रदेश अध्यक्ष हौंसला रखें तो इन आंकड़ों को विभागवार सार्वजनिक कर सकते है.
हरीश रावत ने कहा कि झूठे दावे करने में भगत नंबर वन हो गए हैं. कुछ समय पहले गैरसैंण में विकास के लिए 25 हजार करोड़ रुपये खर्च करने का जुमला सरकार ने उछाला था.
अब बंशीधर जी ने सात लाख रोजगार देने का दावा कर उस जुमले को भी पीछे छोड़ दिया. जबकि हकीकत बिलकुल अलग है.
खुली बहस के लिए नहीं पहुंचे मदन कौशिक, इंतजार करते रहे सिसोदिया
केजरीवाल मॉडल बनाम त्रिवेंद्र सरकार मॉडल पर खुली बहस के लिए आज दिल्ली के उप मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया देहरादून स्थित ऑडिटोरियम पहुंचे.
सिसोदिया ने आईआरडीटी ऑडिटोरियम में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक का लगभग 40 मिनट तक इंतजार किया. उसके बाद मनीष सिसोदिया वहां से चले गए.
मदन कौशिक के नहीं पहुंचने पर सिसोदिया ने कहा कि मंत्री जी के ना आने से यह साफ हो गया है कि अगर जीरो वर्क मुख्मयंत्री त्रिवेंद्र सरकार ने कुछ काम किया होता तो वह सामने आकर बताते.
सूचना महानिदेशक को प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने किया तलब
निष्पक्ष एवं बेबाक पत्रकारों से भेदभाव कर पत्रकारिता का स्तर गिराने की शिकायत पर प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने महानिदेशक सूचना एवं लोक संपर्क विभाग को परिषद की जांच केमटी के सामने अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने के समन जारी किए है.
काउंसिल के अंडर सेक्रेटरी ने 23 दिसंबर को जारी समन में कहा कि वरिष्ठ पत्रकार जयसिंह रावत की शिकायत पर गठित काउंसिल की जांच कमेटी की 9 दिसंबर 2020 दिल्ली में संपन्न बैठक में महानिदेशक सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के बदले प्रभारी सूचना अधिकारी दिल्ली ऑफिस हाजिर हुई जो कि सही जवाब नहीं दे पाई.
न्यायमूर्ति सी के प्रसाद की अध्यक्षता में संपन्न उक्त बैठक में सूचना विभाग की कार्य प्रणाली पर भी तल्ख टिप्पणियां की गईं. बैठक में महानिदेशक सूचना को स्वयं अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से हाजिर हो कर पत्रकार जयसिंह रावत की शिकायत का जवाब देने का आदेश जारी हुआ है. परिषद को सिविल कोर्ट की तरह न्यायिक अधिकार प्राप्त हैं. जिसमे वारंट तक जारी करने का अधिकार शामिल है.
बता दें कि प्रदेश के वरिष्ठतम श्रमजीवी पत्रकार ने प्रेस काउंसिल से शिकायत की थी कि उनकी निष्पक्ष और बेवाक पत्रकारिता से नाराज़ सूचना विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उनके साथ पक्षपात और भेदभाव कर रहे हैं. रावत का आरोप था कि उनके द्वारा वायोबृद्ध श्रम जीवी पत्रकार पेंशन योजना की सभी शर्तें पूरी करने पर भी उन्हें इस लाभ से वंचित करने के लिए 2 साल तक बैठक नहीं बुलाई गई और जब बैठक हुई भी तो उसमें पेंशन प्रकरण निरस्त कर दिए गए जबकि 2017 में हुई बैठक में उनका मामला सशर्त स्वीकार हो चुका था और उन्हें केवल आय और स्थाई निवास प्रमाणपत्र जमा कराने को कहा गया था.
वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत का आरोप था कि वह प्रदेश के वरिष्ठतम श्रमजीवी पत्रकार हैं और संवाददाता से लेकर संपादक तक के रूप में पत्रकारिता को अपनी पूर्णकालिक सेवाएं दे चुके हैं. वैसे भी यह पेंशन श्रम जीवी पत्रकार अधिनियम 1955 के दायरे में आने वाले पत्रकारों के लिए शुरू हुई थी. रावत का आरोप है कि सूचना विभाग ने उनके साथ भेदभाव कर संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत प्रदत्त समानता के मौलिक अधिकार का हनन किया है. विभाग द्वारा अब तक 7 वयोवृद्ध पत्रकार को पेंशन स्वीकृत की गई है.
डॉगी घुमाने पर लगेगा जुर्माना, नगर निगम ने लाइसेंस किया अनिवार्य
देवभूमि उत्तराखंड की अस्थायी राजधानी देहरादून में अब बिना लाइसेंस के डॉगी घुमाना आपको भारी पड़ सकता है. बिना लाइसेंस डॉगी रखने वालों के खिलाफ नगर निगम अब अभियान चलाने जा रहा है. इस अभियान के लिए निगम ने 4 अलग-अलग टीमों का गठन भी किया है.
11 जनवरी से शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में नगर निगम इस अभियान की शुरुआत करेगा. इस दौरान अगर कोई भी बिना लाइसेंस के डॉगी घुमाता मिला तो उस पर जुर्माना लगेगा.
इसके तहत पहली बार में 500 और दूसरी बार में 5 हजार रुपए जुर्माना लगेगा. तीसरी बार निगम संबंधित व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएगा.
लोग सुबह-शाम अपने डॉगी को घूमाते हैं, जो इधर-उधर गंदगी फैलाते हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ निगम जुर्माने की कार्रवाई करेगा.
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