योगगुरु बाबा रामदेव द्वारा एक दिन पहले एलोपैथी चिकित्सा पद्यति को चुनौती देते हुए जारी किए गए 25 सवालों के बाद अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) उत्तराखंड ने उन्हें कानूनी नोटिस जारी किया है.
एसोसिएशन ने नोटिस में कहा कि उनके द्वारा पूछे गए सभी सवालों का जवाब जरूर दिया जाएगा लेकिन पहले रामदेव अपनी योग्यता बताएं. नोटिस में कहा गया है कि बाबा रामदेव एलोपैथी का ‘ए’ तक नहीं जानते हैं और यदि वे 15 दिनों के भीतर माफी नहीं मांगेंगे तो उनके खिलाफ एक हजार करोड़ रुपये का मानहानि का दावा किया जाएगा.
आईएमए उत्तराखंड के सचिव डॉक्टर अजय खन्ना ने कहा कि वे बाबा रामदेव के साथ आमने-सामने बैठकर सवाल-जवाब करने के लिए तैयार हैं.
डॉक्टर अजय खन्ना ने कहा कि बाबा रामदेव को एलोपैथी के बारे में जरा सा भी ज्ञान नहीं है और वे इस पैथी और उससे जुड़े डॉक्टरों के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि रामदेव के इन बयानों से कोरोना संकट में अपनी जान जोखिम में डाल कर दिन-रात काम कर रहे डॉक्टरों का मनोबल गिरा है.
डॉक्टर अजय खन्ना ने कहा कि रामदेव अपनी दवाएं बेचने के लिए लगातार झूठ फैला रहे हैं.
उन्होंने कहा कि अस्पतालों में अपनी दवाओं के ट्रायल का दावा करने वाले रामदेव से जब उन अस्पतालों के नाम पूछे गए तो वे नहीं बता पाए, क्योंकि उन्होंने ट्रायल किया ही नहीं.
आईएमए ने 24 मई को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को पत्र लिख कर भी रामदेव के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
डॉक्टर खन्ना ने कहा कि अगर सरकार उनके खिलाफ महामारी एक्ट में कार्रवाई नहीं करेगी तो आईएमए हरिद्वार में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएगी.
उन्होंने कहा कि हमने बाबा की पद्धति को लेकर कभी कोई सवाल नहीं उठाए, उनके उत्पादों को लेकर कभी कुछ नहीं कहा, लेकिन वे अपनी पद्धति और दवाओं को लेकर ही बात करें तो बेहतर रहेगा.
गौरतलब है कि बाबा रामदेन ने एक दिन पहले ऐलोपेथी चिकित्सा पद्यति को लेकर 25 सवालों की फेहरिस्त वाली एक चिट्ठी जारी कर डॉक्टरों ने उन सवालों के जवाब मांगे थे.
उससे पहले भी कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर बाबा रामदेव एलोपैथी और डॉक्टरों की कार्यशैली पर सवाल उठा चुके हैं.
रामदेव द्वारा डॉक्टरों को लेकर की गई टिप्पणी सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद लोगों में उनके प्रति नाराजगी है.
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