गुज़रते वक्त के साथ भू-कानून,देवस्थानम बोर्ड का मुद्दा ज़ोर पकड़ता जा रहा है.इन दोनों ही मुद्दों पर विपक्षी दल सरकार को सड़क से सदन तक कठघरे में खड़ा कर रहे हैं.
इसी कड़ी में देवस्थानम बोर्ड के मुद्दे पर आज आम आदमी पार्टी प्रवक्ता नवीन पिरशाली ने पार्टी दफ्तर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की.
उनके साथ केदारनाथ विधानसभा सीट के प्रभारी सुमंत तिवारी भी मौजूद रहे.दोनों ने ही सूबे की सरकार और भाजपा पर जमकर निशाना साधा.
नवीन पिरशाली ने सरकार पर तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों की अनदेखी का आरोप लगाया.
पिरशाली ने कहा कि, देवस्थानम बोर्ड गठित कर सरकार ने हज़ारों सालों से चली आ रही परंपरा पर प्रहार किया है.
वहीं नए सीएम पुष्कर सिंह धामी बोर्ड को भंग करने के बजाए कमेटी बनाकर मुद्दे को ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा ने बोर्ड के जरिए मंदिरों पर सरकारी शिकंजा कसने का काम किया है.
इसके अलावा तीर्थपुरोहित पीएम मोदी को खून से चिठ्ठी लिखकर भी देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग कर चुके हैं.
बावजूद इसके मामले पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
वहीं केदारनाथ विधानसभा सीट के AAP प्रभारी सुमंत तिवारी ने भी इस मौके पर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए.
तिवारी ने कहा कि सरकार देवस्थानम बोर्ड के जरिए तीर्थ पुरोहितों का उत्पीडन कर रही है.बोर्ड के खिलाफ चारों धामों आंदोलन हो रहे हैं.बावजूद इसके सरकार उनकी मांगों नहीं मान रही है.
उन्होंने कहा कि हिंदुत्व की राजनीति करने वाली भाजपा की सरकार उत्तराखंड में हिंदुओं की आस्था पर कुठाराघात कर रही है.
तिवारी ने दूसरे राज्यों में देवस्थानम बोर्ड के समकक्ष व्यवस्थाओं पर भाजपा के रुख पर भी सवाल खड़े किए.
उन्होंने कहा कि एक ओर दूसरे राज्यों में भाजपा ऐसी व्यवस्था के खिलाफ है,और उत्तराखंड में ये बोर्ड के पक्ष में !उन्होंने इसे भाजपा का दोहरा चरित्र करार दिया.
उन्होंने देवस्थानम बोर्ड के मुद्दे पर भाजपा के तीनों मुख्यमंत्रियों के रवैए पर भी सवाल खडे किए.उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत बोर्ड की वकालत करते हैं,
जबकि दूसरे पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत बोर्ड पुनर्विचार की बात करते रहे.वहीं मौजूदा मुख्यमंत्री देवस्थानम बोर्ड पर कमेटी बनाने की बात कर रहे हैं. ,
तिवारी ने कहा कि तीनों मुख्यमंत्रियों के अलग अलग बयानों से साफ है कि भाजपा सरकार इस मुद्दे पर तीर्थ पुरोहितों को केवल गुमराह कर रही है.
उन्होंने कहा कि AAP देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की पुरजोर मांग करती है.और ऐसा न होने की सूरत में पार्टी प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगी.
साथ ही उन्होंने AAP की सरकार बनने पर पहली कलम से देवस्थानम बोर्ड को भंग करने भरोसा दिया.
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