तपती धूपती,बरसते बादल हो या घना कोहरा मौसम की परवाह किए बिना खाकी वर्दीधारी चौक-चौराहों,थाने और चौकियों में अपनी ड्यूटी पर तैनात रहते हैं.ताकि शहर में शांति व्यवस्था कायम रह सके.
बावजूद इसके पुलिस की नौकरी दूसरी सरकारी नौकरियों से कई मायनों में अलग है.दूसरे सरकारी कर्मचारी छुट्टियों से लेकर,वेतन,और भत्तों के मुद्दों पर धरना-प्रदर्शन कर सकते हैं लेकिन सुरक्षा बल होने के नाते पुलिस को न तो यूनियन बनाने का अधिकार है और न ही धरने,प्रदर्शन और आंदोलन करने का.
लिहाज़ा अधिकारों की मांग के लिए अब उत्तराखंड पुलिस के जवानों के परिजनों को ही सड़क पर उतरना पडा.
आज पहले से तय कार्यक्रम के तहत देहरादून और रुद्रपुर में पुलिस कर्मियों के परिजनों ने ग्रेड पे में कटौती किए जाने का विरोध किया.
एक दिन पहले सूबे के पुलिस विभाग के मुखिया डीजीपी अशोक कुमार ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से पुलिस वालों के परिजनों से धरना न करने का अनुरोध किया था. डीजीपी ने अपने वीडियो संदेश में कहा था.
प्रिय साथियों प्रदेश पुलिस का मुखिया होने के नाते मैं आप लोगों की ग्रेड पे से संबंधित समस्या से भलीभांति वाकिफ हूं और सुलझाने के लिए सरकार एवं शासन की ओर से पूरा प्रयास किया जा रहा है। 27 तारीख को कैबिनेट सब कमेटी की मीटिंग है.
‘मुझे उम्मीद है कि आपकी समस्या का समाधान जरूर निकलेगा, इसलिए मेरा आपसे और आपके परिजनों से अनुरोध है कि कृपया करके कोई भी ऐसा कार्य न करें,
जिससे उत्तराखंड पुलिस जैसे अनुशासित बल पर लोगों को अनुशासनहीनता का आरोप लगाने का मौका मिले.
’ मेरी आपसे अपील है कि किसी भी तरह के प्रस्तावित धरना या प्रदर्शन से बचें और संयम बनाकर रखें। वहीं एसएसपी डीएस कुंवर ने कहा है कि उच्चधिकारी इस मामले को लेकर शासन से वार्ता कर रहे हैं.
लेकिन उनकी इस अपील का कोई असर न दिखा.देहरादून सहित रुद्रपुर में भी पुलिस के परिजनों ने धरना देकर विरोध दर्ज कराया.
रुद्रपुर में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की और पुलिस लाइन व पीएसी गेटो पर ताले लगाए.
इस बीच पुलिस अधिकारियों द्वारा इस मामले में लगातार अधीनस्थ कर्मियों को समझाने बुझाने का भी प्रयास चलता रहा.
इसी क्रम में अलग- अलग जिलों में पुलिस कप्तानों ने अपील जारी कर, पुलिसकर्मियों को 27 जुलाई को प्रस्तावित सब कमेटी की बैठक का इंतजार करने को कहा.
ग्रेड-पे को लेकर सरकार ने कैबिनेट की उपसमिति गठित कर रिपोर्ट मांगी है.इसके बावजूद पुलिस के परिजन संतुष्ट नहीं हैं. वे इस मामले में जल्द कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
और देहरादून में सिटी मजिस्ट्रेट से अनुमति नहीं मिलने के बावजूद रविवार को बड़ी संख्या परिजन देहरादून में गांधी पार्क पर पहुंच गए. कांग्रेस सेवादल समेत कई संगठनों से जुड़े लोगों के साथ पुलिसकर्मियों के परिजन प्रदर्शन में शामिल रहे.
इन्हें पुलिसकर्मियों के 4600 गेड-पे की मांग को लेकर आवाज बुलंद की.
गांधी पार्क के सामने पुलिस के परिजनों ने जाम लगाकर प्रदर्शन किया.देहरादून की सिटी मजिस्ट्रेट कुसुम चौहान भी मौके पर पहुंची.
और पुलिसकर्मियों के परिजनों से घर वह अपने-अपने घर लौटने की अपील की.
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