उत्तराखंड में सियासी उठापटक की बीच विपक्षी दल जहां सत्ताधारी भाजपा पर हमलावर हैं, तो वहीं सरकार चुनावी वर्ष में अपनी छवि को सुधारने की भरपूर कोशिश करती नजर आ रही है.
बार-बार हुए नेतृत्व परिवर्तन के चलते सरकार पर उठ रहे सवालों से ध्यान हटाने के लिए एक के बाद एक लोकलुभावन घोषणाएं की जा रही हैं.
इसी क्रम में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री डॉक्टर हरक सिंह रावत ने कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश के गरीब वर्ग के परिवारों को एक निश्चित यूनिट तक बिजली मुफ्त बिजली देने की संभावनाओं पर विचार कर रही है.
उन्होंने कहा है कि सूबे के 13 लाख से ज्यादा बीपीएल और अंत्योदय श्रेणी के परिवारों को एक निश्चित यूनिट तक मुफ्त बिजली देने पर विचार किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि सरकार ऐसा रास्ता तलाश रही है जिससे कि ऊर्जा निगम को भी नुकसान न हो और गरीब वर्ग के लोगों को राहत भी मिल जाए.
डॉक्टर हरक सिंह रावत ने कहा कि इसके अलावा कृषि, बागवानी और डेयरी से जुड़े उद्यमों के लिए व्यवसायिक दरों की बजाए घरेलू दरें निर्धारित की जा सकती है.
उन्होने कहा कि इस बाबत प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसे जल्द ही कैबिनेट में पेश किया जाएगा.
उत्तराखंड में महंगी बिजली को लेकर सरकारों के प्रति हमेशा नाराजगी रहती है.
इन दिनों आम आदमी पार्टी द्वारा मंहगी बिजली के मुद्दे पर लगातार सरकार को घेरा जा रहा है.
अब ऊर्जा मंत्री डॉक्टर हरक सिंह रावत के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि 2022 विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड में बिजली बड़ा मुद्दा बन सकती है.
यह भी पढ़ें-साढ़े चार साल में तीसरा मुख्यमंत्री ही नहीं, तीसरा दुराचार का आरोप भी
Discussion about this post