उत्तराखंड के चमोली जिले के तपोवन क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही मची है. प्रदेश के मुख्यसचिव ओम प्रकाश ने बताया कि प्रथम दृष्टया 100 से 150 लोगों की मौत होने की आशंका है.
आटीबीपी के मुताबिक तपोवन इलाके में एनटीपीसी साइट से तीन शव बरामद हुए हैं.
आज सुबह घटना की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत देहरादून से तपोवन के लिए रवाना हुए. मुख्यमंत्री ने घटना पर दुख जताते हुए लोगों से संयम बरतने तथा अफवाहों से बचने की अपील की है.
प्रदेश सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 1905, 1070 और 9557444486 जारी किरने के साथ ही अपील की है कि इस घटना के बारे में पुराने वीडियो सर्कुलेट कर अफवाह न फैलाएं.
इस बीच तपोवन पहुंचे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि अब निचले इलाकों में पानी का बहाव कम हो गया है मगर लोग सावधानी बररते रहें.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता राहुल गाधी और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर घटना पर दुख जताया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वे उत्तराखंड के हालात पर नजर रखने के साथ ही NDRF के अधिकारियों से भी बात कर रहे हैं.
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में उत्तराखंड को भरपूर मदद दी जाएगी.
जानकारी के मुताबिक आज सुबह तपोवन घाटी के रैंणी गांव के समीप ग्लेशियर टूटने से धौली नदी में बाढ़ आ गई.
बाढ़ इतनी विकराल थी कि उस इलाके में स्थित ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह तबाह हो गया, साथ ही नदी के किनारे बसे कई घरों को भी काफी नुकसान पहुंचा.
बाढ़ की चपेट में आने से बीआरओ द्वारा बनाया जा रहा पुल भी बह गया. पावर प्रोजक्ट में काम करने वाले कई मजदूर लापता हैं.
घटना की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जिला प्रशासन चमोली, पुलिस विभाग और आपदा प्रबंधन को रेस्क्यू अभियान चलाने के निर्देश दिए.
आईटीबीपी (ITBP) , एसडीआरएफ (SDRF) और एनडीआरएफ (NDRF) की टीमें घटना स्थल पर पहुंच कर रेस्क्यू अभियान चला रही हैं.
उत्तराखंड पुलिस के मुताबिक, श्रीनगर, ऋषिकेश और हरिद्वार में पानी का स्तर खतरे के निशान से ऊपर जा सकता है, लिहाजा नदी तटों के आस पास से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए श्रीनगर जल विद्युत परियोजना की झील का पानी कम किया जा रहा है.
पुलिस व एसडीआरएफ की टीमें नदी किनारे की बस्तियों को लाउडस्पीकर से अलर्ट करने के साथ ही खाली कराने में जुट गई हैं. ऋषिकेश में भी गंगा नदी से बोट राफ्टिंग संचालकों को हटाया जा रहा है.
आपदा को देखते हुए उत्तर प्रदेश में भी हाई अलर्ट जारी किया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगा किनारे बसे सभी जिलों में नदी के जलस्तर पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिए हैं.
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