देश में कई राज्यों में पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें आसमान छूनें लगी हैं. उत्तराखंड की बात करें तो पेट्रोल की कीमत 100 का आंकड़ें के करीब पहुंच गयी है.
जिससे चलते ट्रांसपोर्ट मंहगा होने के साथ मंहगाई भी बढ़ने लगी है.
उत्तराखंड में अगले साल चुनाव हैं,ऐसे में बढ़ती मंहगाई सरकार के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है.
लिहाज़ा उत्तराखंड सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर टैक्स में कटौती करने की तैयारी कर रही है.
बता दें कि पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत ने तेल की कीमतें कम करने के संकेत भी दे दिए थे.
लेकिन इस बीच उनकी कुर्सी छिन गई.
बहरहाल तेल की कीमतों में उछाल जारी रहने के बाद अब एक बार फिर कीमतों में कमी लाने को लेकर विचार चल रहा है.
सरकारी सूत्रों के मुताबिक तेल के दाम कम करने को लेकर उच्च स्तर पर विचार विमर्श हुआ है.
और पेट्रोल की कीमतों में 2 रु. प्रति लीटर जबकि डीजल की कीमतों में 1 रु. प्रति लीटर वैट कम किया जा सकता है.
हालांकि इस बाबत अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है.
सूत्रों की मानें तो तेल की कीमतों में कमी लाने को लेकर विचार विमर्श तो हुआ है.
लेकिन यह कमी यूपी से पहले होना थोड़ा मुश्किल है.
इसकी वजह यह है कि राज्य में तेल की कीमतें कम होने का फायदा यूपी के सीमावर्ती इलाकों के लोग भी उठा सकते हैं.
जिससे राज्य को कुछ ही दिनों में भारी राजस्व का नुकसान हो सकता है.लिहाज़ा सरकार कोई भी फैसला यूपी को ध्यान में रखकर ही करेगी.
बता दें कि उत्तराखंड सरकार इस समय पेट्रोल पर प्रति लीटर 19 रु. के करीब वैट ले रही है.जबकि डीजल पर वैट 10 रु. के करीब है.
ऐसे में राज्य को इससे अच्छा खासा राजस्व मिल रहा है.
लिहाज़ा वित्त विभाग किसी भी सूरत में पेट्रोल और डीजल से टैक्स कम किए जाने के पक्ष में नहीं है.
हालांकि राज्य में अगले कुछ महीनों में चुनाव को देखते हुए सरकार राजस्व के जोखिम को उठा सकती है.
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