नोटिफाइड रूट पर निजी बस संचालन के लिए नहीं मिलेगा परमिट..
हाईकोर्ट के स्टे के बाद निगम ने लिया फैसला..
उत्तराखंड: देहरादून समेत पर्वतीय जिलों के नोटिफाइड रूट पर प्राइवेट बसों के संचालन में पेच फंस गया है। परिवहन विभाग ने 84 पर्वतीय मार्गों समेत देहरादून रीजन के पांच नोटिफाइड रूट पर निजी बस को परमिट जारी करने के आदेश दिए थे। लेकिन हाईकोर्ट ने आदेश पर रोक लगाते हुए स्टे दे दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद फिलहाल नोटिफाइड रूट पर निजी बस संचालन के लिए परमिट नहीं दिया जा सकेगा। देहरादून संभाग समेत 84 पर्वतीय रूटों पर रोडवेज बसें ही चलती हैं। इन सभी रूट पर आम लोगों को राहत देने के लिए परिवहन विभाग ने प्राइवेट बस को परमिट देने का फैसला किया था।
संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) की बैठक में यह निर्णय लिया गया था। निजी बस आपरेटर रामकुमार सैनी ने इस फैसले पर अपनी आपत्ति जताते हुए कहा कि परिवहन विभाग ने इस निर्णय को लेकर आपत्ति तो मांगी, लेकिन यह नहीं बताया कि आपत्ति कहां जाकर दर्ज करानी है। इसके बाद हाईकोर्ट ने सुनवाई कर फिलहाल शासनादेश पर स्टे लगा दिया है।
देहरादून संभाग के चार जिलों में दिए जाने थे परमिट..
देहरादून संभाग में हरिद्वार, देहरादून, उत्तरकाशी और टिहरी जिलों में निजी परमिट की यह व्यवस्था लागू की जानी थी। लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद स्टे लग गया है। इसलिए फिलहाल स्थिति यथावत है। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार आगे निर्णय लिया जाएगा। अभी देहरादून समेत अन्य जिलों में कई नोटिफाइड रूट हैं। नोटिफाइड रूट से आशय ऐसे मार्गों से है, जो राष्ट्रीय राजमार्ग हैं। इन पर सिर्फ रोडवेज बस को ही संचालन की अनुमति मिलती है। संभागीय परिवहन प्राधिकरण ने इन रूट को डिनोटिफाई घोषित कर इन पर निजी बस संचालन के लिए परमिट देने की व्यवस्था बनाई थी।
निजी बस को नहीं मिलता स्टेज कैरिज का परमिट..
नेशनल हाईवे पर बस स्वामियों को फुटकर सवारियों बैठाने के लिए स्टेज कैरिज का परमिट नहीं मिलता है। यह परमिट सिर्फ रोडवेज बस को मिलता है। हाईवे रूट पर सिर्फ बुकिंग कर सवारी ले जाने के लिए कांट्रेक्ट कैरिज का परमिट मिलता है। लेकिन बस की कमी और यात्रियों की समस्याओं को देखते हुए ही निजी बस को स्टेज कैरिज का परमिट देने की सिफारिश परिवहन विभाग ने की थी। इसके अलावा ऑल इंडिया परमिट होने पर किसी भी रूट पर निजी बस संचालक प्राइवेट बस में फुटकर सवारी बैठा सकते हैं, लेकिन महंगा होने के कारण निजी बस संचालक यह परमिट नहीं लेते हैं।
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