2022 के चुनावी रण में अब कुछ ही महीने बचे हैं.सत्ताधारी भाजपा की कोशिश सत्ता बचाने की है तो वहीं कांग्रेस सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही है.
वहीं दिल्ली में दो बार झाडू़ फेरने वाली AAP भी राज्य में तीसरा विकल्प बनने के लिए शिद्दत से प्रयासरत है. 2022 का चुनावी मुकाबला अभी तक त्रिकोणीय माना जा रहा है.
वहीं अब मुस्लिम समाज में तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रही असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानि AIMIM ने भी सूबे में अपनी सियासत शुरू करने का ऐलान कर दिया है.
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.नय्यर काज़मी का कहना है कि पार्टी सूबे की 22 सीटों पर ताल ठोकेगी.
उन्होंने कांग्रेस और बीजेपी दोनों दलों पर जनता को ठगने का आरोप लगाया,उन्होंने 22 सीटों पर पार्टी की जीत का भरोसा जताया. उन्होंने कहा कि चुनाव की अग्रिम रणनीति बनाने के लिए असदुद्दीन ओवैसी जल्द ही उत्तराखंड पहुंचेगें.
बहरहाल ओवैसी की पार्टी अगर उत्तराखंड में पदार्पण करती है तो ये मतों का ध्रुवीकरण होना लाजमी है.
बता दें कि सूबे के मैदानी क्षेत्रों जैसे हरिद्वार,ऊधम सिंह नगर,हल्द्वानी जैसे इलाकों में मुस्लिम वोटरों की अच्छी खासी तादात है.
उत्तराखंड में मुस्लिम समाज पारंपरिक रुप से कांग्रेस का समर्थक माना जाता है.
लिहाज़ा AIMIM के मैदान में उतरने से कांग्रेस के वोटों में सेंधमारी हो सकती है.जिसका सीधा फायदा भाजपा को मिलने की उम्मीद है.
हलांकि औवेसी की पार्टी 22 में कितनी सीटों पर जीत दर्ज कर पाती है या कांग्रेस के लिए वोटकटवा साबित होकर भाजपा को कितना फायदा या नुकसान पहुंचा पाती है.देखना दिलचस्प होगा.
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