उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों के लिए कोरोना इलाज की दर तय तक दी है. प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने इस संबंध में आदेश जारी किया है.
सरकार ने नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर हास्पिटल (एनएबीएच) से मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता वाले निजी अस्पतालों के लिए 8 हजार से 18 हजार रुपये तक की दरें तय की हैं.
प्रदेश सरकार ने केंद्र की ओर से नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर विनोद पाल की अध्यक्षता में गठित कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर इलाज की दरों को लागू किया है.
आदेश के मुताबिक एनएबीएच से मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में आईसोलेशन बेड का प्रतिदिन का शुल्क 10 हजार रुपये, बिना वेटीलेंटर के आईसीयू बेड का 15 हजार रुपये तथा वेंटिलेटर के साथ आईसीयू का शुल्क 18 हजार रुपये तय किया गया है.
इस शुल्क में पीपीई किट का खर्च भी शामिल है. इसके अलावा जिन अस्पतालों की एनएबीएच से मान्यता नहीं है, उनमें आईसोलेशन बेड का 8 हजार, आईसीयू बेड का 13 हजार और वेंटिलेटर के साथ आईसीयू का शुल्क 15000 रुपये तय किया गया है.
इन दरों में डाक्टरों की फीस, संक्रमित व्यक्ति के भोजन की व्यवस्था, नर्सिंग स्चाफ द्वारा उचित देखभाल और सैंपल जांच आदि भी शामिल है. निजी अस्पतालों को संक्रमितों के इलाज के दौरान केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइन का पूरा पालन करना होगा.
आदेश के मुताबिक सरकार द्वारा तय की गई दर से अधिक राशि मांगने वाले अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
यह भी पढें : कोरोना वायरस : अनलॉक-4 के लिए उत्तराखंड सरकार की गाइडलाइन
Discussion about this post