कोरोना काल में उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठाते हुए आम आदमी पार्टी ने तीरथ सरकार के इंतजामों को नाकाफी करार दिया है.
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नवीन पिरशाली ने प्रेस बयान जारी करते हुए कहा है कि कोरोना महामारी के चुनौतीपूर्ण दौर में राज्य सरकार महज 724 वेंटिलेटर की व्यवस्था के सहारे जंग लड़ने की तैयारी में है. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से कोरोना से बचाव के जो इंतजाम किए गए हैं वो नाकाफी हैं.
नवीन पिरशाली ने कहा कि कोरोना नियंत्रण को लेकर राज्य सरकार के सभी दावे पूरी तरह फेल साबित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि रोजाना लगभग 5 हजार से ज्यादा केस आ रहे हैं और मरने वालों की तादात भी बढ़ती जा रही है.
आप प्रवक्ता ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर पहली से भी ज्यादा घातक और खतरनाक है, राज्य सरकार को इसकी रोकथाम के लिए अस्पतालों में बेड और वेंटिलेटर की उचित व्यवस्था करनी चाहिए थी लेकिन ऐसा कर पाने में सरकार पूरी तरह विफल हो चुकी है.
उन्होंने कहा, ‘सरकार के मुखिया के पास स्वास्थ्य मंत्रालय है और सूबे में इस समय फुल टाइम स्वास्थ्य मंत्री की नितांत जरूरत है लेकिन सरकार कोरोना को लेकर संवेदनहीन दिखाई दे रही है.’
पिरशाली ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में वेंटिलेटर की कमी से मरीज मरने को मजबूर हैं. कहीं वेंटिलेटर हैं तो ऑपरेटर नहीं हैं, कहीं गोदामों में वेंटिलेटर और हाई सिक्योरिटी बेड धूल फांक रहे हैं.
पिरशाली ने कहा कि अकेले अल्मोड़ा काशीपुर,हल्द्वानी,हरिद्वार और रुड़की में रोजाना कोरोना मरीजों को कई अस्पतालों के चक्कर काटने के बावजूद बेड और ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है जो सरकारी सिस्टम पर सवाल खड़े करता है.
आप प्रवक्ता ने कहा कि सरकारी आंकड़ों में सब कुछ बेहतर बताया जा रहा है लेकिन जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल उलट है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री लोगों के जीवन के प्रति गंभीर नही हैं और खुद को डबल इंजन कहने वाली सरकार का इंजन हांफ रहा है.
आप प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में पहले से ही स्वास्थय सेवाओं बदहाल हैं और अब कोरोना काल में हालात और भी ज्यादा भयावाह हो गए हैं.
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