राज्य बनने के बाद से अब तक सत्ताधारियों द्वारा उत्तराखंड को ऊर्जा प्रदेश बनाने का दावा किया जाता रहा है. जनता को सपना दिखाया जाता रहा है कि ऊर्जा प्रदेश बनने के बाद यहां के लोगों को बेहद सस्ती दरों पर बिजली मिलेगी.
लेकिन हकीकत यह है कि उत्तराखंड न ही ऊर्जा प्रदेश बन पाया है और न ही लोगों को सस्ती बिजली बिजली मिल पा रही है. राज्य बनने के बाद से अब तक उत्तराखंड में बिजली के दामों में बढ़ोतरी ही होती आई है.
इस सबके बीच एक बार फिर उत्तराखंड में बिजली के दाम बढ़ा दिए गए हैं. बढ़ी हुईं दरें एक अप्रैल 2021 से लागू कर दी गई हैं.
बीते रोज उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की नई दरें जारी कर दीं हैं जिसके बाद साफ हो गया कि प्रदेशवासियों को अब बिजली का पहले से ज्यादा दाम चुकाना होगा.
उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी नई दरों के मुताबिक गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) वाले परिवारों और 100 यूनिट तक खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को बिजली दरों में बढ़ोतरी से राहत दी गई है.
101 यूनिट से ज्यादा वाले उपभोक्ताओं के लिए प्रति यूनिट के साथ ही फिक्स चार्ज भी बढ़ा दिया गया है.
101 यूनिट से 200 यूनिट बिजली खर्च करने पर अब 4 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिल आएगा. पहले यह दर 3.75 रुपये थी. इस श्रेणी के उपभोक्ताओं को अब 95 रुपये के बजाए 120 रुपये फिक्स चार्ज देना होगा.
201 से 400 यूनिट बिजली खर्च करने पर अब – 5.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिल आएगा. पहले यह दर 5-15 रुपये थी. इस श्रेणी के उपभोक्ताओं को अब 165 के बजाए अब 200 रुपये फिक्स चार्ज देना होगा.
400 यूनिट से अधिक बिजली खर्च करने पर अब – 6.25 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिल आएगा. पहले यह दर 5.90 रुपये थी. इस श्रेणी के उपभोक्ताओं को अब 260 रुपये के बजाए 300 रुपये फिक्स चार्ज देना होगा.
नियामक आयोग ने समय से बिजली बिल का भुगतान करने पर छूट का प्रावधान भी किया है. इसके तहत बिजली बिल आने के 10 दिन के भीतर ऑनलाइन भुगतान करेने पर उपभोक्ताओं को पूरे बिल में 1.25 प्रतिशत की छूट मिलेगी, जबकि इसी अवधि में कैश भुगतान करेने पर 0.75 फीसदी की छूट दी जाएगी.
नियामक आयोग द्वारा कामर्शियल दरों में भी बढोतरी की गई है जिसके मुताबिक चार किलोवाट, 50 यूनिट प्रतिमाह – 4.70 रुपये, 25 किलोवाट तक- 5.80 रुपये, 25 किलोवाट से अधिक – 5.80 रुपये और सिंगल प्वाइंट सप्लाई, 75 किलोवाट के लिए 5.75 रुपये की दर से शुल्क लिया जाएगा.
प्राइवेट ट्यूबवेल के लिए बिजली दर 2.03 रुपये से बढ़ा कर 2.08 रुपये प्रति यूनिट कर दी गई है.
हालांकि कृषि सिंचाई में चलाए जाने वाले ट्यूबवेल के लिए कोई बढ़ोतरी नहीं की है. यानी ट्यूबवेल के लिए पहले की भांति 2.25 रुपये प्रति यूनिट ही चुकाना होगा.
एलटी उद्योगों के लिए भी नई दरों का ऐलान किया गया है. इस श्रेणी में 25 किलोवाट तक के कनेक्शन लेने वाले उद्योगों के लिए बिजली दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. यानी यहां पहले की भांति प्रति यूनिट 4.60 रुपये ही देना होगा.
25 किलोवाट से अधिक क्षमता पर पहले प्रति यूनिट 4.25 रुपये था जो कि अब बढ़ाकर 4.30 रुपये कर दिया गया है.
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