उत्तराखंड की सियासत में इन दिनों दो कानून खासा चर्चा में हैं. इनमें से एक को खारिज करने की तो दूसरे को मजबूत करने की मांग चल रही है.
पहला है देवस्थानम बोर्ड एक्ट और दूसरा है भू-कानून.
प्रदेश के नौजवान और आम जनमानस सांस्कृतिक पहचान को बचाने के लिए एक सशक्त भू-कानून की मांग कर रहे हैं,तो वहीं प्रदेश का तीर्थ पुरोहित समाज देवस्थानम बोर्ड का विरोध कर इस भंग किए जाने की मांग कर रहा है.
बोर्ड के अस्तित्व में आने के बाद से ही तीनों मुख्यमंत्रियों से बातचीत के दौर के बाद तीर्थ पुरोहितों ने अब पीएम मोदी तक अपनी मांग पहुंचाई है.
उन्होंने प्रधानमंत्री को खून से खत लिखकर देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग की है. पत्र में लिखा है कि देवस्थानम बोर्ड के जरिए सनातन धर्म की मान्यताओं से छेड़छाड़ हो रही है जो कि न्यायसंगत नहीं है.
तीर्थ पुरोहितों ने मांग की है कि चारों धामों में वर्षों से चली आ रही परंपरा को वैसे ही चलने दिया जाना चाहिए.
इस बीच तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान भी कर चुके हैं.
तीर्थ पुरोहितों ने ऐलान किया है कि देवस्थानम बोर्ड भंग किए जाने की मांग को लेकर 17 अगस्त से प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा.
यह भी पढ़ें- देहरादून पहुंचे राकेश टिकैत ने किया भू-कानून का समर्थन
Discussion about this post