सांस्कृतिक विविधताओं वाला भारत उसकी आंचलिक लोकसंस्कृति में बसता है.
ऐसा ही विशिष्ट लोकसंस्कृति से समृद्ध राज्य है उत्तराखंड ! यहां के लोकगीत एवं परंपराएं मानव और प्रकृति के जुडाव की अनुभूति कराती है.हरेला,फूलदेई से लेकर तमाम ऐसे लोकपर्व हैं.
वहीं इन दिनों ‘हुड़किया बॉल’ की रंगत उत्तराखंड के खेतों में दिखती है.
उत्तराखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत सिंह रावत ने भी इस परंपरा के अनुसार रामनगर स्थित अपने गांव मोतीपुर धान की रोपाई का शुभारंभ किया.
हुड़के की थाप और पहाड़ी वाद्य यंत्रों की धुन पर स्थानीय महिलाओं और पुरूषों ने गीत गाते हुए धान की रोपाई की.
इस दौरान रणजीत सिंह रावत ने लोकसंस्कृति के संरक्षण पर जोर दिया.रावत ने कहा कि हमारी संस्कृति हमारे पूर्वजों की धरोहर है.
और इस धरोहर की रक्षा करते हुए इसे अगली पीढ़ी को हस्तांतरित करना हमारी जिम्मेदारी है.लिहाज़ा वे हर साल पहाड़ों में धान की रोपाई के समय ‘हुड़किया बॉल’ आयोजन करते हैं.
कार्यक्रम के ज़रिए युवा पीढ़ी को अधिक से अधिक जोड़ने का प्रयास किया गया है,
जिससे वह भी अपनी पुरानी गौरवशाली परंपराओं से परिचित हो सकें और इसे आगे बढ़ाने में अपना सहयोग करें.
इस दौरान उन्होंने संस्कृति के संरक्षण के लिए ज़मीनी स्तर पर काम किए जाने पर भी ज़ोर दिया.
उन्होने कहा कि हमें पश्चिमी संस्कृति के सामने अपनी लुप्त होती संस्कृति को बचाने के लिए बंद कमरों में चिन्तन के बजाए सार्वजनिक कार्यक्रमों के माध्यम से समाज को सन्देश देना चाहिए.
तभी हम अपनी संस्कृति की रक्षा करने में सही मायनों में सफल होंगे.’हुड़किया बॉल’ के आयोजन के दौरान उनके साथ स्थानीय नेताओं समेत पार्टी के तमाम कार्यकर्ता मौजूद रहे.
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