कोरोना वारियर्स सम्मान निधि का ऐलान, संक्रमण होने पर होगा निशुल्क इलाज
उत्तराखंड सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम और बचाव संबंधी गतिविधियों में जुटे सरकारी कर्मचारियों, संविदा कर्मियों, आउटसोर्स कर्मियों तथा पत्रकारों समेत सभी कोरोना योद्धाओं के लिए सम्मान निधि का ऐलान किया है.
इसके तहत किसी कोरोना योद्धा की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को दस लाख रुपये की सम्मान निधि दी जाएगी. इसके अलावा कोरोना वायरस से संक्रमित होने की स्थिति में उनका निशुल्क इलाज किया जाएगा.
त्रिवेंद्र सरकार ने पहले कोरोना योद्धाओं के लिए चार लाख रुपये के बीमे की घोषणा की थी जिसे ढाई गुना बढ़ा कर दस लाख रुपये (सम्मान निधि) कर दिया गया है.
केंद्र सरकार द्वारा घोषित बीमा कवर के दायरे में आने वाले चिकित्सक, नर्स, तकनीशियन से लेकर वार्डब्वाय, आउटसोर्स और संविदा कर्मी इस योजना के दायरे में नहीं आएंगे.
केंद्र सरकार ने कोविड-19 के खिलाफ फ्रंट लाइन पर काम कर रहे चिकित्सकों, नर्सों, तकनीशियन से लेकर वार्डब्वाय, आउटसोर्स और संविदा कर्मियों को 50 लाख रुपये का बीमा कवर दिया है.
कोरोना संक्रमण के लिए चलाए जा रहे बचाव एवं राहत कार्यों में चिकित्सा विभाग के साथ ही कई अन्य विभागों के कर्मचारी भी सेवाएं दे रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पहले इनके लिए चार लाख रुपये की बीमा योजना शुरू करने की घोषणा की थी.
इस योजना के तहत 22 हजार 523 पुलिस कर्मी, 7 हजार 988 सफाईकर्मी, 14 हजार 379 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, 4 हजार 924 मिनी आंगनबाड़ी सहायिका, 464 सुपरवाइजर सहित जीएमवीएन (गढ़वाल मंडल विकास निगम) और केएमवीएन (केएमवीएन) आदि के कार्मिक शामिल करने का प्रस्ताव आपदा प्रबंधन विभाग ने दिया था.
बीमा योजना में केवल 68 हजार कर्मचारी ही शामिल किए जा रहे थे. इसके बाद कई विभागों के कर्मियों के साथ संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों ने योजना में शामिल नहीं किए जाने पर सवाल उठाए थे.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बीमा योजना के प्रस्ताव को खारिज कर 10 लाख रुपये की सम्मान निधि देने का फैसला लिया. सम्मान निधि के लिए धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोष से जारी की जाएगी.
देहरादून बफर जोन के हजारों लोग कम्युनिटी सर्विलांस पर
कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सामने आने के बाद देहरादून के बफर जोन घोषित इलाकों में हजारों लोगों को कम्युनिटी सर्विलांस पर रखा गया है.
इन इलाकों में कम्युनिटी संक्रमण के खतरे को देखते हुए प्रत्येक व्यक्ति की स्वास्थ्य निगरानी की जा रही है. इन इलाकों के सभी कैमिस्ट शाप संचालकों को खांसी, जुकाम, बुखार के मरीजों की तुरंत जानकारी देने और दवा खरीदने वालों का ब्यौरा देने के निर्देश दिए गए हैं.
बफर जोन घोषित किए जाने के बाद आशा कार्यकर्ताओं ने इन क्षेत्रों में प्रत्येक घर का सर्वे किया और सूचनाएं जुटाई.
देहरादून के दो इलाकों भगत सिंह कालोनी और कारगी ग्रांट में कोरोना पाजिटिव मामले सामने आने के बाद इन इलाकों से लगे सात किलोमीटर क्षेत्र को बफर जोन घोषित किया गया है.
बफर जोन के दायरे में पथरीबाग, भंडारी बाग, सिंघल मंडी, लकड़ मंडी, दर्शनी गेट, सहारनपुर चौक, रीठा मंडी, चंदरनगर, धर्मपुर डीएल रोड, कुड़कावाला, रायपुर, डालनवाला, संजय कालोनी, दूधली, माजरी ग्रांट समेत कई क्षेत्र शामिल हैं.
एम्स, ऋषिकेश में देश का पहला रिमोट हेल्थ मानिटरिंग सिस्टम तैयार
ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में देश का पहला रिमोट हेल्थ मानिटरिंग सिस्टम तैयार किया गया है. इसके जरिए कोरोना संक्रमितों के वाइटल पैरामीटर्स का कहीं से भी बैठकर पता लगाया जा सकेगा.
इस सिस्टम को देश के नवरत्नों में शामिल सार्वजनिक उपक्रम ‘भारत हैवी इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड’ (बीएचईएल) बेंगलुरू के साथ मिलकर तैयार किया गया है.
ऋषिकेश एम्स के निदेशक प्रोफेसर रविकांत ने बताया कि एम्स और बीएचईएल बेंगलुरू के संयुक्त प्रयासों से एक ऐसी डिजिटल चिकित्सकीय प्रणाली तैयार की गई है, जिसके तहत डाक्टर मरीज के घर पर रहते हुए उसके शरीर का तापमान, सांस की गति और रक्त में आक्सीजन की मात्रा की निगरानी कर सकते हैं.
इसके लिए वेबसाइट और मोबाइल ऐप भी तैयार किए गए हैं, जिनकी मदद से लोग घर बैठे ही डाक्टरों से संपर्क कर सकेंगे.
ऐप की मदद से प्रदेश के कोरोना हाट स्पाट्स को भी ट्रेस किया जा सकेगा. यह तकनीक भारत के लिए चिकित्सा क्षेत्र में काफी उपयोगी साबित होगी.
मेडिकल कालेजों में सुविधाएं जुटाने के लिए 10 करोड़ रुपये जारी
कोरोना वायरस से निपटने के क्रम में मेडिकल कालेजों में संसाधन जुटाने के लिए सरकार ने प्रदेश के चार राजकीय मेडिकल कालेजों, दून मेडिकल कालेज, देहरादून, सुशीला तिवारी मेडिकल कालेज हल्द्वानी, श्रीनगर मेडिकल कालेज तथा अल्मोड़ा मेडिकल कालेज को 10 करोड़ रुपये की धनराशि जारी कर दी है.
इस धनराशि से मेडिकल कालेजों में वेंटीलेटर, आईसीयू, पीपीई किट समेत अन्य उपकरणों की व्यवस्था की जाएगी. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए मेडिकल कालेजों के लिए 20 करोड़ रुपये देने की घोषणा की थी, जिसके क्रम में 10 करोड़ रुपये की पहली किश्त जारी की गई है.
कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए राज्य सरकार ने उक्त चार मेडिकल कालेजों के साथ ही बागेश्वर, चमोली, चंपावत, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, ऊधमसिंह नगर, टिहरी और उत्तरकाशी के जिला अस्पतालों और अल्मोड़ा बेस अस्पताल, मेला अस्पताल हरिद्वार, बेस अस्पताल कोटद्वार व बीडी पांडे अस्पताल नैनीताल को चिन्हित किया है.
सरकार ने की जनता एवं स्वयंसेवी संगठनों से सहयोग की अपील, समन्वय के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त
देशव्यापी लाकडाउन के चलते श्रमिकों और दैनिक वेतन भोगी मजदूरों के सामने असन्न आजीविका के संकट को देखते हुए सरकार ने जनता एवं स्वयंसेवी संगठनों से सहयोग की अपील की है.
सरकार ने स्वयंसेवी संगठनों तथा सिविल सोसायटी के सक्षम लोगों से आगे आकर कठिन समय में सहयोग की अपील की है.
सरकार की तरफ से समन्वय के लिए सूचना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सचिव आरके सुधांशु को राज्य नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. इसके अलावा प्रत्येक जिले में भी जिला नोडल अधिकारी बनाए गए हैं.
सचिव आरके सुधांशु की ओर से जारी अपील में सिविल सोसायटी, गैर सरकारी संगठनों, संस्थाओं एवं व्यक्तियों से कोरोना राहत कार्यों में अधिक से अधिक सहयोग मांगा गया है.
लोगों से खाद्य सामग्री से लेकर सैनिटाइजर, मास्क, साबुन समेत दैनिक उपयोग की वस्तुएं, शिविर के लिए भवन तथा व्यक्तिगत सेवा आदि के लिए सहयोग की अपील की गई है.
सूचना सचिव ने कहा कि सहयोग के लिए वेब पेज भी बनाया गया है, जिसमें किसी भी प्रकार के सहयोग एवं सेवा देने के लिए संपर्क किया जा सकता है.
जिला वार नोडल अधिकारी
देहरादून – संजीव सिंह, डिप्टी रजिस्ट्रार
हरिद्वार – हरवीर सिंह, उप जिलाधिकारी, कुंभ
नैनीताल – व्योमा जैन, डीपीओ
ऊधमसिंहनगर नगर- बीपी कांडपाल, सीटीओ
चंपावत – त्रिलोक सिंह, एडीएम
अल्मोड़ा – कैलाश चंद भट्ट, डीपीएम
पिथौरागढ़ – अमरेंद्र चौधरी, मुख्य कृषि अधिकारी
बागेश्वर – धर्मेंद्र पांडे, प्रोजेक्ट मैनेजर
रुद्रप्रयाग – रमेश चंद, एपीडी
चमोली – मोहन सिंह बर्निया, एडीएम
पौड़ी – प्रवीण बड़ोनी, टीओ
टिहरी – अभिषेक रोहेला,
उत्तरकाशी – तीरथ पाल, एडीएम
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