वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस संक्रमण के खतरों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्र को संबोधित करते हुए संकल्प और संयम की अपील की है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सभी देशवासी सावधानी बरतें. प्रधानमंत्री ने देशवासियों से आगामी रविवार 22 मार्च को जनता कर्फ्यू अपनाने की अपील की.
आइए जानते हैं, प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की प्रमुख बातें :
‘पूरा विश्व इस समय संकट के बहुत बड़े गंभीर दौर से गुजर रहा है. आम तौर पर कभी जब कोई प्राकृतिक संकट आता है तो वो कुछ देशों या राज्यों तक ही सीमित रहता है. लेकिन इस बार ये संकट ऐसा है, जिसने विश्व भर में पूरी मानवजाति को संकट में डाल दिया है.
इन दो महीनों में भारत के 130 करोड़ नागरिकों ने कोरोना वैश्विक महामारी का डटकर मुकाबला किया है, आवश्यक सावधानियां बरती हैं. लेकिन, बीते कुछ दिनों से ऐसा भी लग रहा है जैसे हम संकट से बचे हुए हैं, सब कुछ ठीक है.
वैश्विक महामारी कोरोना से निश्चिंत हो जाने की ये सोच सही नहीं है. इसलिए, प्रत्येक भारतवासी का सजग रहना, सतर्क रहना बहुत आवश्यक है.
अभी तक विज्ञान, कोरोना महामारी से बचने के लिए, कोई निश्चित उपाय नहीं सुझा सका है और न ही इसकी कोई वैक्सीन बन पाई है. ऐसी स्थिति में चिंता बढ़नी बहुत स्वाभाविक है. विश्व में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है.
भारत सरकार इस स्थिति पर, कोरोना के फैलाव के इस ट्रैक रिकार्ड पर पूरी तरह नजर रखे हुए है. आज जब बड़े-बड़े और विकसित देशों में हम कोरोना महामारी का व्यापक प्रभाव देख रहे हैं, तो भारत पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, ये मानना गलत है. इसलिए, इस वैश्विक महामारी का मुकाबला करने के लिए दो प्रमुख बातों की आवश्यकता है. पहला- संकल्प और दूसरा- संयम.
आज 130 करोड़ देशवासियों को अपना संकल्प और दृढ़ करना होगा कि हम इस वैश्विक महामारी को रोकने के लिए एक नागरिक के नाते, अपने कर्तव्य का पालन करेंगे, केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के दिशा निर्देशों का पालन करेंगे.
आज हमें ये संकल्प लेना होगा कि हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएंगे. साथियों, इस तरह की वैश्विक महामारी में, एक ही मंत्र काम करता है- ‘हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ.’ ऐसी स्थिति में, जब इस बीमारी की कोई दवा नहीं है, तो हमारा खुद का स्वस्थ बने रहना बहुत आवश्यक है.
इस बीमारी से बचने और खुद के स्वस्थ बने रहने के लिए अनिवार्य है संयम. और संयम का तरीका क्या है- भीड़ से बचना, घर से बाहर निकलने से बचना. आजकल जिसे सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) कहा जा रहा है, कोरोना वैश्विक महामारी के इस दौर में, ये बहुत ज्यादा आवश्यक है.
मैं सभी देशवासियों से आग्रह करता हूं कि आने वाले कुछ सप्ताह तक, जब बहुत जरूरी हो तभी अपने घर से बाहर निकलें. जितना संभव हो सके, आप अपना काम, चाहे बिजनेस से जुड़ा हो, आफिस से जुड़ा हो, अपने घर से ही करें. 60 से 65 वर्षा से अधिक उम्र वाले व्यक्तियों से अपील है कि वे घर से बाहर न निकलें.
22 मार्च रविवार के दिन कोरोना वायरस के खिलाफ जुटे लोगों के प्रति धन्यवाद करें. जनता कर्फ्यू के दिन ठीक शाम पांच बजे घर के बाहर पांच मिनट तक ताली बजाकर आभार व्यक्त करें. हमें यह संकल्प लेना होगा कि स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी बचाएंगे.
मेरा सभी देशवासियों से आग्रह है कि जरूरी सामान संग्रह करने की होड़ नहीं लगाएं. पैनिक में खरीददारी करने से बचें. सभी जरूरी चाजों की आपूर्ति के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं.
संकट की इस घड़ी में उच्च वर्ग वालों से आग्रह है कि जिन-जिन लोगों से आप सेवा लेते हैं तो उनकी आर्थिक स्थिति का ख्याल रखें. अगर कोई दफ्तर नहीं आते हैं तो उनका वेतन नहीं काटें. इस वैश्विक महामारी का अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ रहा है. सरकार ने COVID-19 इकोनॉमिक टास्क फोर्स का गठन किया गया है.
पूरे देश के स्थानीय प्रशासन से आग्रह है कि सायरन की सूचना से हर लोगों तक इसके बारे में बताएं. संकट के समय हमें यह भी ध्यान रखना है कि हमारे अस्पतालों पर दबाव नहीं बढ़ना चाहिए. हमारे डॉक्टरों को प्रथमिकता दें.‘
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