किसान आंदोलन या चुनाव के दबाव के कारण पीएम मोदी को विवादित कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान करना पड़ा.
इधर, चुनवी मौसम में उत्तराखंड सरकार पर भी देवस्थानम बोर्ड को खत्म करने का दबाव है. ज्यों-ज्यों चुनाव नज़दीक आ रहे हैं तीर्थपुरोहित सरकार पर दबाव बढ़ा रहे हैं.
इस बीच आज तर्थपुरोहितों और हक-हकूकधारियों ने कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के घर के बाहर धरना दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की.
तीर्थपुरोहितों ने सरकार पर उनकी मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाया, शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने तीर्थ-पुरोहितों ने मिलकर उन्हें शांत किया.
उनियाल के आश्वासन के बाद तीर्थपुरोहितों ने अपने आंदोलन को 30 नवम्बर तक स्थिगत करने का फैसला किया है.
हालांकि तीर्थपुरोहित महापंचायत के संयोजक सुरेश सेमवाल ने कहा कि आगामी 27 नवंबर को काला दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया.
सेमवाल के मुताबिक इस दिन देहरादून में देवस्थानम बोर्ड के विरोध में गांधी पार्क से सचिवालय तक आक्रोश रैली निकाली जाएगी.
गौरतलब है कि 27 नवम्बर 2019 को त्रिवेन्द्र सरकार ने देवस्थानम एक्ट पारित किया था. इसलिए 27 तारीख को तीर्थपुरोहितों ने काला दिवस मनाने की घोषणा की है.
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