उत्तराखंड के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने तीन और शैक्षण संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. तीनों संस्थानों के खिलाफ घोटाले के आरोप पुख्ता होने के बाद एसआईटी ने मुकदमा दर्ज किया है.
जिन संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है उनके नाम द्रोणाज कालेज आफ मैनेजमेंट एंड टेक्निकल एजुकेशन सहस्त्रधारा रोड देहरादून, देहरादून इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट टेक्नोलाजी इंदिरानगर देहरादून और इंस्टीट्यूट आफ मीडिया मैनेजमेंट एंड टेक्नोलाजी इंदिरानगर देहरादून हैं. छात्रवृत्ति घोटाले के आरोप में अब तक करीब दो दर्जन शिक्षण संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा चुका है.
छात्रवृत्ति घोटाला उत्तराखंड के सबसे बड़े वित्तीय घोटालों में से एक है. समाज कल्याण विभाग ने वर्ष 2012 से 2013 और वर्ष 2015 से 2016 के बीच उत्तराखंड के शिक्षण संस्थानों में पढने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) तथा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्रों को करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति दी थी, मगर कालेज संचालकों और समाज कल्याण विभाग के कारिंदो ने मिलीभगत कर इस राशि के बड़े हिस्से को छात्रों तक पहुंचाने के बजाय हड़प लिया.
घोटाला उजागर होने के बाद उत्तराखंड सरकार ने अप्रैल 2018 में इसकी जांच के लिए एसआईटी गठित की. एसआईटी जांच आईपीएस अधिकारी मंजूनाथ टीसी के नेतृत्व में चल रही है. छात्रवृत्ति घोटाले में अब तक कई कालेज संचालकों के साथ ही समाज कल्याण विभाग के कारिंदों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
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