उत्तराखंड के पर्वतीय इलाके बर्फ से लकदक हो गए हैं. प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में जोरदार बर्फवारी हुई है. केदारनाथ और बदरीनाथ के साथ ही, औली, जोशीमठ, नैनीताल, मुक्तेश्वर, धनौल्टी, चकराता जैसे पर्यटक स्थलों में बर्फबारी से मौसम खुशगवार हो गया है. मौसम की पहली बर्फबारी से सेब उत्पादकों के चेहरे भी खिल गए हैं.
भारी बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों में भी पड़ा है. पूरा प्रदेश शीतलहर की चपेट में आ गया है. ठंड और भारी बर्फबारी को देखते हुए प्रदेश के आठ जिलों देहरादून, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, चमोली, टिहरी, पिथौरागढ़, नैनीताल और अल्मोड़ा में बारहवीं तक के सभी विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में आज छुट्टी घोषित की गई.
बर्फबारी के चलते कई स्थानों पर सड़क मार्ग बंद हो गए हैं. ऊंचाई पर स्थित कई गांवों का मुख्य मार्गों से संपर्क कट गया है.
मौसम विभाग ने दो दिन पहले ही प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में भारी बर्फबारी की संभावना जताई थी. प्रदेश की ऊंची चोटियों पर एक दिन पहले गुरुवार से ही हिमपात शुरू हो गया था. बदरीनाथ, केदारनाथ, औली, हर्षिल, नागटिब्बा आदि इलाकों में गुरुवार को ही बर्फबारी शुरू हो गई थी. बदरीनाथ में चार और केदारनाथ में दो फीट तक बर्फ गिरी है.
गैरसैंण के भराड़ीसैंण स्थित उत्तराखंड विधानसभा भवन एवं परिसर भी बर्फ की चादर से ढक गया है.
कुमाऊं मंडल की बात करें तो नैनीचाल के साथ ही मुनस्यारी, धारचूला, मुक्तेश्वर, रानीखेत, बागेश्वर, और बेरीनाग समेत ऊंचाई वाले तमाम इलाकों में बर्फबारी हुई है. सरोवर नगरी नैनीताल में चाइना पीक और टिप एंड टाप की चोटियों पर बर्फ की चादर पसरने से पर्यटकों के साथ ही स्थानीय व्यवसायी भी खुश हैं.
मौसम की पहली बर्फबारी की खबर मिलने के बाद नैनीताल, मसूरी, धनौल्टी समेत उत्तराखंड के तमाम पर्यटक स्थलों में सैलानियों की आमद बढ गई है.
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