सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा कर्मचारियों की विशेष याचिका को किया खारिज..
उत्तराखंड: विधानसभा के कर्मचारियों की विशेष याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट के इस फैसले से कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने याचिका निरस्त करते हुए विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को सही ठहराया है। नैनीताल हाईकोर्ट ने भी इससे पहले विधानसभा कर्मचारियों को बर्खास्त करने के विधानसभा सचिवालय के फैसले का समर्थन किया था।
बर्खास्त कर्मचारियों की ओर से दायर एसएलपी को अब सुप्रीम कोर्ट ने भी खारिज कर दिया है। उत्तराखंड विधानसभा की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अमित तिवारी ने कहा कि वर्ष 2021 में विधानसभा में तदर्थ नियुक्त 72 कर्मचारियों द्वारा दायर याचिका पर आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच के न्यायधीश हृषिकेश रॉय और न्यायधीश मनोज मिश्रा ने सुना और याचिकाकर्ताओं की याचिका को निरस्त करते हुए उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को सही ठहराया।
विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी ने नियम विरूद्ध तदर्थ नियुक्तियों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए 2016 से 2021 में तदर्थ आधार पर नियुक्त 228 कर्मचारियों की विशेषज्ञ जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सेवाएं समाप्त कर दी थी। विधानसभा सचिवालय में 396 पदों पर बैक डोर नियुक्तियां 2001 से 2015 के बीच हुई है जिनको नियमित किया जा चुका है। याचिकाओं में कहा गया था कि 2014 तक तदर्थ नियुक्त कर्मचारियों को चार वर्ष से कम की सेवा में नियमित नियुक्ति दे दी गई लेकिन उन्हें छह वर्ष के बाद भी नियमित नहीं किया और अब उन्हें हटा दिया गया।
Discussion about this post