वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस का असर उत्तराखंड विधानसभा के सत्र पर भी पड़ा जिसके चलते वित्तीय वर्ष 2020-21 का 53 हजार करोड़ रुपये का बजट बिना चर्चा के ही पास हो गया.
बीते रोज देर शाम हुई कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में, कोरोना संक्रमण को देखते हुए एक ही दिन का सत्र आयोजित करने तथा केवल वित्त विनियोग विधेयक लेकर आने का निर्णय लिया गया. इसके चलते शून्य काल और प्रश्नकाल भी नहीं हुआ.
बजट पास होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल से विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी.
57 मिनट तक चली सदन की कार्यवाही के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए उठाए गए कदमों और राज्य की तैयारियों के संबंध में जानकारी दी.
उन्होंने सदन में बताया कि अब तक प्रदेश में 50016 लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है जिनमें से एक में भी कोरोना वायरस संक्रमण नहीं मिला है. मुख्यमंत्री ने बताया कि इनमें से 2082 लोगों की स्क्रीनिंग एयर पोर्ट पर की गई.
कोरोना से मुकाबले के लिए सरकार की तैयारियों के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि, पूरे राज्य को सील किया गया और रिस्पांस टीम लगातार अपना काम कर रही है.
मुख्यमंत्री ने सदन को आश्वस्त किया कि लाकडाउन के दौरान जनता की बुनियादी जरूरतों की पूर्ति का पूरा ध्यान रखा जाएगा और कोई भी व्यक्ति खाद्यान्न से वंचित नहीं होगा.
मुख्यमंत्री ने कोरोना से मुकाबला कर रहे डाक्टरों, अन्य स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिस कर्मियों, मीडिया कर्मियों, तथा अन्य कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा दिए जाने की घोषणा भी की.
कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए विधानसभा सत्र के लिए बेहद खास तैयारियां की गई थी. सत्र में भाग लेने वाले विधायकों, अधिकारियों के लिए एडवाइजारी जारी की गई थी. विधानसभा के प्रवेश द्वार पर सभी सदस्यों, अधिकारियों-कर्मचारियों तथा आगंतुकों को सैनिटाइजर और मास्क उपलब्ध कराए गए.
इसके अलावा थर्मल स्कैनिंग के लिए मेडिकल टीम विधानसभा में मौजूद रही. विधायकों को स्कैनिंग के बाद ही सदन में जाने दिया गया. सदन में विधायक डेढ़ मीटर के फासले पर बैठे.
कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्यपाल और दर्शक दीर्घा पर भी प्रतिबंध लगाया गया था, साथ ही अधिकारियों की संख्या भी सीमित की गई थी. मिडिया को सदन की कार्यवाही की जानकारी सूचना विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई.
गौरलतब है कि सरकार ने बीते चार मार्च को भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में बजट पेश किया था. इस बार भी पहले भराड़ीसैंण में ही सत्र किए जाने का निर्णय हुआ था मगर कोरोना वायरस के प्रभाव को देखते हुए सत्र को देहरादून में किए जाने का फैसला किया गया.
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