प्रदेश में मजबूत भू-कानून लागू करने समेत अन्य मांगों के लेकर राज्य आंदोलनकारियों ने आज देहरदून स्थित मुख्यमंत्री आवास कूच किया.
राज्य आंदोलनकारी संयुक्त संगठन के बैनर तले आदोलनकारियों ने दिलाराम चौक से मुख्यमंत्री आवास के लिए कूच किया.
कूच के दौरान पुलिस ने हाथीबड़कला में बेरिकेड्स लगा कर आंदोलनकारियों को रोक लिया.
इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच में धक्का-मुक्की और नोंक-झोंक भी हुई जिसके बाद आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया.
इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत धरना स्थल पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से बात की.
बीते रोज हुई बैठक में आंदोलनकारियों से मुख्यमंत्री आवास कूच आह्वान किया था.
राज्य आंदोलनकारियों की मांग है कि प्रदेश में जल्द से जल्द मजबूत भू-काूनून लागू किया जाए.
इसके अलावा 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण, गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने, मुजफ्फरनगर और खटीमा मसूरी, गोली कांड के दोषियों को सजा देने ता राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों की पेंशन का शासनादेश जारी करने की मांग भी आंदोलनकारियों द्वारा की गई. किया जाए.
राज्य आंदोलनकारी संयुक्त संगठन के देहरादून जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने कहा कि आंदोलनकारी अपने हक के लिए अब इसी तरह सड़कों पर उतरेंगे.
आंदोलनकारियों ने मसूरी की पेयजल योजना का पानी देहरादून भेजे जाने के पर संघर्ष चेतावनी भी दी.
ज्य आंदोलनकारियों ने एक दिन पहले ही बीते मंगलवार को बैठक कर यमुना मसूरी पेयजल योजना का पानी देहरादून नहीं ले जाने देने का प्रस्ताव पारित किया था.
बैठक के बाद राज्य आंदोलनकारियों ने एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजा था.
ज्ञापन में मसूरी में शहीद स्थल पर छत का निर्माण, वन विभाग एवं सर्वे ऑफ इंडिया के माध्यम से मसूरी वन क्षेत्र का सर्वे तुरंत पूरा कराने, सेंट मैरी अस्पताल को तत्काल खोलने आदि की मांग की गई थी.
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