भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) की पासिंग आउट परेड में अंतिम पग पार करते ही 306 जांबाज कैडेट भारतीय सेना का हिस्सा बन गए. ये सभी जेंटलमैन कैडेट बतौर लेफ्टिनेंट भारतीय सेना में अफसर बन कर देश सेवा करेंगे.
306 भारतीय जाबांजों के साथ ही दस मित्र राष्ट्रों, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, मारीशस, अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, लिसिथो, किर्गिस्तान, तंजानिया व वियतनाम के 71 कैडेट भी पास आउट हुए.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने परेड की सलामी ली. पासिंग आउट परेड समारोह में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मौजूद रहे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कैडेट्स को ओवरआल बेस्ट परफार्मेंस तथा अन्य सम्मानों से सम्मानित किया.
कैडेट विनय विलास को स्वार्ड आफ आनर (स्वर्ण पदक), कैडेट पीकेंद्र सिंह को रजत पदक और कैडेट ध्रुव मेहला को कांस्य पदक से सम्मानित किया गया. कैडेट शिवराज सिंह सिल्वर मेडल (टीजी) से सम्मानित किए गए. भूटान के कैडेट कुएंजांग वांगचुक को सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट चुना गया.
पासिंग आउट परेड में सर्वाधिक 56 कैडेट उत्तर प्रदेश से रहे. दूसरे नंबर पर हरियाणा (39) तथा तीसरे नंबर पर बिहार (24) के कैडेट पासआउट हुए. अन्य राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की बात करें तो राजस्थान के 21, उत्तराखंड तथा महाराष्ट्र के 19, हिमाचल प्रदेश के 18, दिल्ली के 16, पंजाब के 11, केरल व मध्य प्रदेश के 10, तमिलनाडु के 9, कर्नाटक के 7, आंध्र प्रदेश, जम्मू कश्मीर और पश्चिम बंगाल के 6, तेलंगाना के 5, मणिपुर, गुजरात, झारखंड और चंडीगढ़ के 4, असम के 2, मिजोरम, ओडिसा, सिक्किम तथा अंडमान निकोबार के 1 कैडेट पास आउट हुए
आईएमए की स्थापना एक अक्टूबर 1932 को हुई थी. तब से अब तक आईएमए से 62139 जांबाज केडेट पास आउट हुए हैं.
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