अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसेसी पेलोसी ने हरी झंडी दे दी है. नैंसी पेलोसी ने गुरुवार पांच दिसंबर को घोषणा की कि प्रतिनिधि सभा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए मसौदा तैयार करे.
कैलिफोर्निया की प्रतिनिधि नैंन्सी पेलोसी ने इस घोषणा के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि सभी तथ्य साफ हैं, राष्ट्रपति ने राजनीतिक लाभ के लिए अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा की कीमत पर अपनी ताकत का दुरुपयोग किया.
दूसरी तरफ इस खबर के सामने आने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर अपनी जीत का भरोसा जताया. ट्रंप ने ट्वीट कर कहा कि अच्छी बात यह है कि इससे पहले रिपब्लिकन कभी भी इतने एकजुट नहीं हुए, मगर जीत हमारी होगी.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर राजनीतिक फायदे के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की पर अपने प्रतिद्वंदी और उनके बेटे के खिलाफ जांच का दबाव बनाने का आरोप है.
ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से फोन पर बात कर अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के संभावित उम्मीदवार जो बाइडेन और उनके बेटे हंटर बाइडेन के खिलाफ जांच करने के लिए कहा था.
महाभियोग की प्रक्रिया के तहत ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच फोन पर हुई बातचीत की जांच होगी और यहा पता लगाया जाएगा कि यूक्रेन पर जांच का दबाव डालने के लिए क्या ट्रंप ने यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य सहायता रोकने की धमकी भी दी थी?
महाभियोग सिद्ध होने के लिए दो तिहाई बहुमत का होना जरूरी है. अगर ट्रंप दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें राष्टपति का पद छोड़ना पड़ सकता है. यदि ऐसा हुआ तो ट्रंप महाभियोग के चलते पद से हटाए जाने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति होंगे. हालांकि वे खुद पर लगे आरोपों से लगातार इनकार करते रहे हैं.
इससे पहले अमरीका में दो राष्ट्रपतियों, एंड्रयू जानसन (1886) और बिल क्लिंटन (1998) के खिलाफ महाभियोग लाया गया था. जानसन ने महाभियोग प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था जबकि क्लिंटन ने अपने कृत्य के लिए माफी मांग लीथी जिसके चलते उनकी कुर्सी बच गई थी.
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