प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों को कड़ी शर्तों के साथ होम आइसोलेशन यानी घर पर ही रह कर इलाज की अनुमति मिल गई है. बीते रोज स्वास्थ्य विभाग ने होम आइसोलेशन की एसओपी जारी की.
प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव अमित सिंह नेगी द्वारा जारी एसओपी के मुताबिक होम आइसोलेशन की इजाजत उन्हीं संक्रमितों को दी जाएगी, जिन्हें डॉक्टर द्वारा एसिंप्टोमेटिक यानी बिना लक्षण वाले मरीज के रूप में चिन्हित किया हो.
जिन घरों में 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग, गर्भवती महिला, 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे अथवा किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीज होंगे, उन घरों में कोरोना संक्रमित मरीज को होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं होगी.
एसओपी के मुताबिक होम आइसोलेशन के दौरान संक्रमित के लिए घर में अलग कमरा और टॉयलेट की व्यवस्था होनी चाहिए. संक्रमित व्यक्ति के लिए आरोग्य सेतु एप और स्वास्थ्य विभाग के आइसोलेशन एप को मोबाइल पर डाउनलोड करना अनिवार्य होगा. आइसोलेशन अवधि में कोरोना संक्रमित की देखभाल के लिए घर में एक व्यक्ति की मौजूदगी अनिवार्य होगी.
जिला स्तर पर मुख्य चिकित्साधिकारी की तरफ से गठित टीम द्वारा होम आइसोलेशन की व्यवस्था का निरीक्षण किया जाएगा जिसके बाद ही संक्रमित को होम आइसोलेशन की इजाजत जी जाएगी.
होम आइसोलेशन के दौरान संक्रमित को स्वास्थ्य विभाग की ओर से पल्स ऑक्सीमीटर, एक मर्करी थर्मामीटर, 50 ट्रिपल लेयर सर्जिकल मास्क, सैनिटाजर तथा दवाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी.
आइसोलेशन अवधि में संक्रमित व्यक्ति को हर वक्त ट्रिपल लेयर सर्जिकल मास्क पहने रखना अनिवार्य होगा. किसी भी तरह की तकलीफ होने पर कंट्रोल रूम को तत्काल सूचित करना होगा.
आइसोलेशन की अवधि 10 दिन की होगी. सात दिन के बाद तीन दिन तक बुखार न आने की स्थिति में ही आइसोलेशन की अवधी पूरी होगी. होम आइसोलेशन की अवधि पूरी होने के बाद कोरोना जांच की जरूरत नहीं होगी.
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