भारत के संविधान निर्माण की यात्रा बेहद गौरवशाली और प्रेरणादायी है.
15 अगस्त 1957 को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त होने के बाद आजाद भारत के सबसे बड़ी चुनौती विभाजन की त्रासदी से उबर कर पीड़ितों का पुनर्वास करना और उनकी जिंदगी को वापस पटरी पर लाना था.
इसके साथ ही सैकड़ों रियासतों को एक कर भारत राष्ट्र में शामिल करने की चुनौती भी थी. इन दो बड़ी चुनौतियों से निपटते हुए भारत को अपना संविधान भी तैयार करना था.
भारत ने आजादी के ढाई बसर बाद अपना संविधान तैयार करने में सफलता पाई और 26 जनवरी 1950 को इस संविधान के लागू होते ही भारत गणतंत्र राष्ट्र के रूप में दुनिया के सामने खड़ा हो गया.
दिलचस्प बात यह है कि आजादी से करीब एक वर्ष पूर्व ही भारत के नए संविधान के स्वरूप को लेकर ब्रिटिश हुकूमत ने काम करना शुरू कर दिया था.
इसके लिए संविधान सभा का गठन किया गया. आजादी के बाद इसी संविधान सभा के सदस्य संसद के सदस्य बने. करीब तीन वर्ष के कठिन परिश्रम, त्याग और समर्पण के बाद भारत का संविधान तैयार हुआ.
संविधान निर्माण के लिए बनी प्रारूप समिति में अध्यक्ष डाक्टर भीमराव अम्बेडकर के अलावा एन गोपाल स्वामी आयंगर, अल्लादी कृष्णा स्वामी अय्यर, कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी , सैय्यद मोहम्मद सादुल्ला, एन माधव राव, डीपी खेतान सदस्य थे. सन 1948 में डीपी खेतान के निधन के बाद टीटी कृष्माचारी को उनके स्थान पर सदस्य बनाया गया.
संविधान निर्माण की प्रक्रिया में कुल 2 वर्ष, 11 महीना और 18 दिन लगे और पूरी प्रक्रिया पर लगभग 6.4 करोड़ रुपये व्यय आया.
आइए संविधान निर्माण की इस महायात्रा पर एक निगाह डालते हैं.
जुलाई 1947 : संविधान सभा का गठन किया गया. संविधान सभा में कुल 389 सदस्य थे जिनमें 292 ब्रिटिश प्रांतों के प्रतिनिधि, 4 चीफ कमिश्नर क्षेत्रों के प्रतिनिधि एवं 93 देशी रियासतों के प्रतिनिधि थे.
जुलाई 1946 : संविधान सभा का चुनाव हुआ. कांग्रेस के 208, मुस्लिम लीग के 73, तथा अन्य दलों एवं स्वतंत्र उम्मीदवारों के रूप में 15 सदस्य निर्वाचित हुए.
नौ दिसंबर, 1946 : नई दिल्ली स्थित काउंसिल चैम्बर के पुस्तकालय भवन में संविधान सभा की पहली बैठक हुई. मुस्लिम लीग ने बैठक का बहिष्कार किया और, पाकिस्तान के रूप में अलग राष्ट्र की मांग करते हुए अलग संविधान सभा की मांग की.
11 दिसंबर, 1946 : डाक्टर राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के स्थाई अध्यक्ष निर्वाचित हुए.
13 दिसंबर, 1946 : संविधान सभा की विधिवत कार्यवाही शुरू हुई। पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उद्देश्य प्रस्ताव पेश किया।
22 जनवरी, 1947 : उद्देश्य प्रस्ताव को स्वीकृति मिली जिसके बाद संविधान निर्माण के लिए अलग:अलग समितियां बनाई गई.
26 जुलाई, 1947 : पाकिस्तान के लिए पृथक संविधान सभा की स्थापना की घोषणा हुई.
15 अगस्त 1947: भारत को आजादी मिली.
29 अगस्त, 1947 : आजादी के बाद संविधान सभा पहली बार बैठी. प्रारूप समिति का गठन किया गया जिसके अध्यक्ष डाक्टर भीमराव अम्बेडकर चुने गए.
31 अक्टूबर, 1947 : भारत विभाजन के बाद बाद संविधानसभा का पुनर्गठन किया गया जिसके बाद सदस्यों की कुल संख्या 299 निर्धारित की गई।
21 फरवरी 1948 : प्रारूप समिति ने संविधान सभा को अपनी रिपोर्ट पेश की.
चार नवंबर से नौ नवंबर, 1948 : संविधान सभा में संविधान का प्रथम वाचन किया गया।
15 नवंबर 1948 से 17 अक्टूबर, 1949 : संविधान का दूसरा वाचन।
14 नवंबर, 1949 से 26 नवंबर 1949 : संविधान सभा में संविधान का तीसरा और अंतिम वाचन.
26 नवंबर, 1949 : संविधान सभा द्वारा संविधान पारित. पारित किए जाने वक्त संविधान में कुल कुल 22 भाग, 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थीं. ( वर्तमान में संविधान में 25 भाग, 395 अनुच्छेद एवं 12 अनुसूचियां हैं)
24 जनवरी, 1950 : संविधान सभा की अंतिम बैठक. डाक्टर राजेंद्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति चुना गया.
26 जनवरी 1949 : संविधान लागू होने के साथ ही भारत गणतंत्र राष्ट्र बन गया.
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