रोजी-रोटी के लिए पुरुष का पलायन और पहाड़ में पत्नी का संघर्ष !
कविलास नेगी ने बोल दियां ऊंमा…शॉर्ट फिल्म में खूबसूरती से पिरोया है.
यूट्यूब में खासी लोकप्रियता हासिल करने के बाद,फिल्म का चयन अब टोरंटो मल्टीकल्चरल फिल्म फेस्टिवल के लिए हुआ है.
इसकी जानकारी कविलास के पिता लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी ने सोशल मीडिया के जरिए दी.
कहानी कमला नाम की एक संघर्षशील महिला की है जिसका पति दिल्ली में नौकरी कर रहा है लेकिन लंबे असरे से न तो वो घर लौटा और न ही घरखर्च भेजा.
कमला शहर वापस लौट रहे पति के दोस्त बद्री को बस स्टॉप तक छोड़ने जाती है,इस दौरान वो बद्री को अपनी मुफलिसी का हाल सुनाती है,और पति को संदेशा देने को कहती है.
जल्द घर न लौटने पर बच्चों समेत दिल्ली आने की चेतावनी देती है.और न मिलने पर यमुना जी में कूदने की धमकी भी देती है.
इस बीच बद्री भी भाभी की बातें सुनकर खीज उठता है और झुंझलाते हुए कहता है
कि घर आने से पहले वो उसके पति से मिला था और पूछा भी था कि घर के लिए कुछ भिजवना हैतो दे दे.लेकिन उसने कुछ नहीं दिया.
रास्ते भर पति कि शिकायत करती कमला को बस स्टॉप आते-आते परदेश में रह रहे पति का कष्ट सालने लगता है.
उसे लगता है कि अगर बद्री ने उनकी व्यथा पति को कह दी तो उन्हें दुख होगा। इसलिए वह बस में बैठ रहे बद्री को कहती है कि कुछ ना बोली ऊंमा..!
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