प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ‘द इकानामिस्ट’ की सालाना रिपोर्ट ‘डेमोक्रेसी इंडेक्स’ (वर्ष 2019) में भारत दस पायदान नीचे आ गया है.
वर्ष 2019 के लिए 22 जनवरी को जारी हुई इस रिपोर्ट में भारत 51 वें नंबर पर है. द इकानामिस्ट ने दुनिया के 167 देशों को लेकर यह रिपोर्ट जारी की है. पिछले वर्ष जारी हुई रिपोर्ट में भारत 41 वें स्थान पर था.
2006 में इस रैंकिंग के जारी होने के बाद भारत का यह अब तक का सबसे कम स्कोर है.
इस रिपोर्ट में पहले स्थान पर नार्वे है.
भारत को लेकर रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘डेमोक्रेसी इंडेक्स में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र, भारत के कुल स्कोर में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. शून्य से 10 के पैमाने पर भारत का स्कोर 2018 में 7.23 था जो 2019 में 6.90 हो गया.’
रिपोर्ट के मुताबिक इसकी मुख्य वजह भारत में नागरिक स्वतंत्रता में कटौती करना रहा.
रिपोर्ट में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने, असम में एनआरसी पर काम शुरू होने और नागरिकता संशोधन कानून ( सीएए) को लेकर नागरिकों में बढ़े असंतोष के कारण भारत के स्कोर में गिरावट दर्ज की गई है.
हालांकि इस रिपोर्ट में भारत को राजनीतिक सहभागिता के मामले में अच्छे नंबर मिले हैं. मगर मौजूदा राजनीतिक वातावरण के चलते कई नंबर कट भी गए हैं.
इस रिपोर्ट में साल 2019 को लोकतंत्र के लिए सबसे खराब वर्ष बताया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2019 में लोकतंत्र में वैश्विक गिरावट, मुख्य रूप से लैटिन अमरीका, अफ्रीका और पश्चिम एशिया में देखी गई.
रिपोर्ट के मुताबिक पहले 10 स्थानों पर क्रमश नार्वे, आइसलैंड, स्वीडन न्यूजीलैंड, फिनलैंड, आयरलैंड, डेनमार्क, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और स्विट्जरलैंड हैं.
दुनिया के प्रमुख देशों में ब्रिटेन 14वें, जपान 24वें, अमरीका 25 वें और इसराइल 28वें नंबर पर हैं. इस सूची में अंतिम स्थान पर उत्तर कोरिया है.
भारत के पड़ोसी देशों की बात करें तो श्रीलंका 69 वें बांग्लादेश 80 वें, पाकिस्तान 108वें, और चीन 153 वें स्थान पर है.
ब्रिटेन का जाना-माना द इकोनामिस्ट समूह अपने रिसर्च विभाग ‘द इंटेलिजेंस यूनिट’ की मदद से सन 2006 से लगातार हर वर्ष डेमोक्रेसी इंडेक्स रिपोर्ट जारी करता है.
इसके तहत सभी देशों के स्कोर का आंकलन वहां की चुनाव प्रक्रिया, बहुलतावाद, नागरिक स्वतंत्रता और सरकार के कामकाज के आधार पर किया जाता है.
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