क्या मैदान क्या पहाड़ ! दिसम्बर के दस्तक देते ही पारा लुढ़कने लगा है. बीते रोज़ शीतलहर के चलते चमोली की नीती घाटी के झरने और गाड़-गदेरे बर्फ में तब्दील हो गए.
ऋषिगंगा नदी भी जमकर पत्थर बन चुकी है. जोशीमठ के साथ ही पोखरी, घाट, गैरसैंण, थराली, देवाल, कर्णप्रयाग, गौचर, पीपलकोटी और निजमुला घाटी में भी सुबह और शाम को ठंड का असर है.
यही हाल केदारघाटी और यमुनाघाटी का भी है. इधर मैदानों में ठिठुरन बढ़ गयी है, कुहासा और बादल छाए रहने के कारण देहरादून,हरिद्वार जैसे मैदानी ईलाकों में मौसम ठंडा रहा.
मसूरी के कंपनी गार्डन क्षेत्र, कैमल बैक रोड़, लंढौर, लालटिब्बा ,बाटाघाट समेत शहर के विभिन्न क्षेत्रों में लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं.
इस बीच मौसम विभाग ने अगले चार दिनों तक प्रदेश में बारिश और बर्फबारी की आशंका जताई है, मौसम केन्द्र के मुताबिक 4,5 और 6 दिसम्बर को पिथौरागढ़, बागेश्वर,
अल्मोड़ा, टिहरी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पौड़ी जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश के साथ बर्फबारी हो सकती है. जिससे देहरादून और आसपास के इलाकों में दोपहर के वक्त मौसम में ठंडक और बढ़ेगी.
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