देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम मामले की सुनवाई करते हुए सभी राजनीतिक दलों को दागी उम्मीदवारों का आपराधिक रिकार्ड सार्वजनिक करने के निर्देश दिए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि किसी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को टिकट देने की स्थिति में राजनीतिक दल को यह भी स्पष्ट करना होगा कि किसी बेगाद उम्मीदवार को टिकट क्यों नहीं दिया गया.
केंद्रीय चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी के नेता अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस एस रविन्द्र भट्ट की पीठ ने यह निर्देश दिया.
पीठ ने कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियों को ऐसे उम्मीदवारों के आपराधिक मामलों की जानकारी अपनी आधिकारिक वेबसाइटों के साथ ही फेसबुक और ट्विटर हैंडल पर अपलोड करनी होगी. साथ ही उन्हें टिकट दिए जाने की वजह भी स्पष्ट करनी होगी.
अदालत ने कहा कि इसके साथ ही एक स्थानीय और राष्ट्रीय अखबार में भी यह सब जानकारी देनी होगी.
पीठ ने कहा कि जो भी राजनीतिक दल इन निर्देशों का पालन नहीं करेगा, उनके खिलाफ चुनाव आयोग विधिसम्मत कार्रवाई करेगा. पीठ ने राजनीति में बढते अपराधीकरण को लेकर गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि इस समस्या को रोकने के लिए कुछ ठोस कदम उठाने होंगे.
वर्ष 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राजनीतिक दलों को आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों के आपराधिक रिकार्ड की जानकारी अपनी वेबसाइट पर जारी करने का निर्देश दिया था, जिसका राजनीतिक दलों द्वारा पालन नहीं किया गया.
इस संबंध में सरकार और चुनाव आयोग के खिलाफ अवमानना याचिका भी दाखिल की गई थी.
चुनाव आयोग के वकील ने अदालत को बताया था कि राजनीतिक दलों पर उक्त निर्देश का कोई असर नहीं हुआ है. इसके बाद इस मामले में दुबारा याचिका दायर की गई थी, जिस पर आज यह निर्णय आया है.
राजनीति में बढ़ते अपराधीकरण के बीच लेकर सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय बेहद अहम माना जा रहा है.
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