उत्तराखंड विधानसभा का एक दिनी सत्र महज तीन घंटे, छह मिनट तक चलने के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया.
एक दिन के लिए बुलाए गए मानसून सत्र में 19 विधेयक और 10 अध्यादेश पारित किए गए. इन विधेयकों और अध्यादेशों पर कोई विस्तृत चर्चा नहीं हुई.
सत्र के दौरान विपक्षी कांग्रेस विधायकों ने कोरोना महामारी पर चर्चा की मांग की. मांग न माने जाने से नाराज कांग्रेस विधायकों ने सदन में भारी हंगामा किया जिसके चलते कार्यवाही दो घंटे, नौ मिनट तक स्थगित रही.
विपक्ष के हंगामे के बीच लोहाघाट से भाजपा विधायक पूरण सिंह फर्त्याल ने टनकपुर जौलजीबी मोटर मार्ग निर्माण में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते हुए नियम-58 के तहत कार्य स्थगन प्रस्ताव पेश किया.
इस बीच सदन एक एक कर विधेयक पारित किए गए और सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया.
सत्र में जो विधेयक पारित हुए उनमें उत्तराखंड राज्य विधानसभा सदस्यों की उपलब्धियां एवं पेंशन संशोधन विधेयक, हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विवि संशोधन विधेयक, उत्तराखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन प्रोत्साहन एवं सुविधा विधेयक, महामारी संशोधन विधेयक, उत्तराखंड राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन संशोधन विधेयक, उत्तराखंड माल एंव सेवाकर संशोधन विधेयक, उत्तराखंड पंचायतीराज द्वितीय संशोधन विधेयक, उत्तराखंड उत्तर प्रदेश राज्य विधान मंडल अधिकारियों के वेतन तथा भत्ते संशोधन विधेयक, बोनस संदाय उत्तराखंड संशोधन विधेयक, व्यवसाय संघ उत्तराखंड संशोधन विधेयक, औद्योगिक विवाद उत्तराखंड संशोधन विधेयक, उत्तराखंड उत्तर प्रदेश औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 संशोधन विधेयक, कारखाना उत्तराखंड संशोधन विधेयक, उत्तराखंड जौनसार बाबर जमीदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1956 संशोधन विधेयक, उत्तराखंड उत्तर प्रदेश जमीदारी विनाश एंव भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 संशोधन विधेयक, उत्तराखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक, उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक शामिल हैं.
सत्र के बाद जानकारी देते हुए विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने बताया कि सदन के दौरान तय बिजनेस को पूरा किया गया.
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल से कोरोना संक्रमित होने के चलते उपाध्यक्ष रघुनाथ चौहान ने सत्र का संचालन किया.
विधानसभा से बाहर सड़क पर भी आज खूब हंगामा देखने को मिला. विपक्षी कांग्रेस विधायकों ने केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि से संबंधित विधोयकों के विरोध में ट्रैक्टर पर सवार होकर विधानसभा के लिए निकले मगर पुलिस द्वारा उन्हें रोक दिया गया.
इसके बाद कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह, काजी निजामुद्दीन, मनोज रावत समेत अन्य विधायक सड़क पर ही धरने पर बैठ गए. बाद में कांग्रेस विधायकों को ट्रैक्टर से विधानसभा परिसर में जाने दिया गया.
आम आदमी पार्टी ने भी कृषि विधेयकों के विरोध में विधानसभा कूच किया. प्रदेश अध्यक्ष एसएस कलेर के नेतृत्व में विधानसभा कूच कर रहे पार्टी कार्यकर्ताओं को पुलिस ने डिफेंस कॉलोनी गेट पर बनाए गए बैरिकेडिंग कर रोक दिया.
इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई. इसके अलावा उत्तराखंड बेरोजगार संघ तथा राज्य आंदोलनकारियों ने भी सदन के बाहर दौरान प्रदर्शन किया.
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